सुतोमु मियाज़ाकी का जन्म 21 अगस्त 1962 के दिन जापान के टोक्यो में हुआ. बचपन से ही विकलांग था. इसलिए हर कोई उसका मजाक उड़ाता था.
लोग उसका मजाक न उड़ाएं इसलिए वह किसी से भी बात नहीं करता. अकेला रहता. घर में भी वह सिर्फ अपने दादा से ही बात करता.
अकेले रहने के कारण बचपन से ही उसे अश्लील फिल्में और मैगजीन पढ़ने की गंदी आदत पड़ गई थी. पढ़ाई में भी उसका दिल नहीं लगता था.
हाईस्कूल में कम नंबर आए तो उसे अच्छी यूनिवर्सिटी में भी एडमिशन नहीं मिला. जिस कारण उसने फोटोग्राफी में कोर्स किया.
जब सुतोमू फोटोग्राफर बन गया तो वह कई महिलाओं की फोटो खींचता. फिर उन्हें देखकर घर में मास्टरबेट करता.
इसी बीच सुतोमू के दादा की मौत हो गई. जिसका सदमा उसे इस कदर लगा कि उसने उनके शव की राख तक तो खा लिया.
ब्लू फिल्म देखने का तो उसे इस कदर चस्का लगा कि उसने घर में ही 6000 से भी ज्यादा अश्लील वीडियो टेप एकत्रित करके रख लिए.
बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं हुई. वह शारीरिक जरूरत पूरा करने के लिए बच्चियों को अपना शिकार बनाने लगा.
उसने अगस्त 1988 से लेकर जून 1989 के बीच 4 मासूम बच्चियों का रेप किया. उनके अंगों को काटकर उन्हीं के घर के पते पर भी भेज दिया.
सभी बच्चियों की उम्र 7 से लेकर 4 साल के बीच थी. लेकिन जब वह पांचवीं बच्ची को अपना शिकार बनाने लगा तो पकड़ा गया.
कोर्ट में उसे पेश किया गया. सुतोमू ने कहा कि यह सब वह खुद नहीं करता. बल्कि, उसके अंदर छिपी एक शैतानी आत्मा उससे यह सब करवाती है.
सुतोमू को फिर कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई. जिसके बाद 17 जुलाई 2008 के दिन उसे फांसी दे दी गई.