देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन आय हासिल करने का सबसे बढ़िया स्रोत है.
Pic Credit: urf7i/instagramसरकार की तरफ से विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी के माध्यम से किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है.
Pic Credit: urf7i/instagramइसी कड़ी में 2005-06 में नाबार्ड के अंतर्गत "डेयरी और पोल्ट्री के लिए उद्यम पूंजी योजना" नामक एक पायलट योजना शुरू की गई थी.
Pic Credit: urf7i/instagramबाद में साल 2010 में इसका नाम 'डेयरी उद्यमिता विकास योजना' कर दिया गया था.
Pic Credit: urf7i/instagramनाबार्ड की इस योजना के किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, कंपनियां आवेदन कर सकती हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramइसके अलावा डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध संघ भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramयोजना के तहत एक परिवार के एक से अधिक सदस्यों की सहायता की जा सकती है
Pic Credit: urf7i/instagramनाबार्ड द्वारा परियोजना लागत का 25 प्रतिशत( एसटी / एससी किसानों के लिए 33.33 प्रतिशत) सब्सिडी के तौर पर दिया जाता है.
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