देशभर में लोगों के बीच घर पर गार्डनिंग का चलन बढ़ा है.
Pic Credit: urf7i/instagramयह शौक आम लोगों में खूब देखने को मिल रहा है.
Pic Credit: urf7i/instagramऐसे में अगर आप भी किचन या बालकनी में गार्डनिंग की सोच रहे हैं तो आप पौधों को हरा भरा बनाने के लिए किचन से निकले कचरे का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramआप किचन के कचरे से जैविक खाद तैयार कर सकते हैं
Pic Credit: urf7i/instagramकिचन कंपोस्ट बनाने के लिए सूखी पत्तियां, औषधि और मसाले, फलों-सब्जियों के छिलके, अखरोट के छिलके, लकड़ी का चूरा आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramसबसे पहले नाइट्रोजन युक्त हरी वस्तुओं जैसे केले के छिलके, बची हुई सब्जियां आदि को अलग रखें.
Pic Credit: urf7i/instagramकार्बन युक्त सूखी सामग्री जैसे सूखे पत्ते, कागज, कार्डबोर्ड आदि को अलग करें.
Pic Credit: urf7i/instagramअब सारी चीजों को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लें.
Pic Credit: urf7i/instagramअब आप कम से कम 14 इंच का गड्ढा खोदें. ध्यान रहे कि इसमें नमी और ऑक्सीजन का प्रवाह अच्छी तरह से हो.
Pic Credit: urf7i/instagramअगर आप किसी कंटेनर में कंपोस्ट बना रहे हैं तो उसमें चार-पांच छोटे छेद कर लें जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह बना रहे.
Pic Credit: urf7i/instagramअब कंटेनर या गड्ढे में पहले नाइट्रोजन युक्त हरा कचरा डालें और उसके उपर कार्बन युक्त कचरा डालें.
Pic Credit: urf7i/instagramइस कंटेनर या गड्ढे में नमी और गर्मी बनाए रखने के लिए इसे ऊपर से मिट्टी डालकर कवर कर दें.
Pic Credit: urf7i/instagramकिचन वेस्ट से खाद बनने में कम से कम 3 हफ्ते से लेकर 3 महीने तक का समय लग सकता है.
Pic Credit: urf7i/instagram2 से 3 महीने के बाद अपशिष्ट सड़ जाते हैं और मिट्टी का रूप ले लेते हैं. इस तरह जैविक खाद बन जाती है.
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