डिजिटल दुनिया में आज हम हर तरह के काम ऑनलाइन कर रहे हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramडाटा ट्रांसफर या रिसीव करना हो या अन्य किसी तरह का वेरिफिकेशन सब ऑनलाइन ही किया जा रहा है.
Pic Credit: urf7i/instagramहम अपनी कई निजी जानकारी ऑनलाइन अपलोड कर देते हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramअगर ऐसा करने से पहले वेबसाइट की जांच ना की जाए तो हमारी जानकारी का गलत उपयोग भी हो सकता है.
Pic Credit: urf7i/instagramइसे समझने के लिए आपको बहुत ज्यादा रिसर्च की जरूरत नहीं बस आपको वेब एड्रैस में देखना चाहिए कि शुरुआत में "HTTP'" लिखा है या फिर "HTTPS".
Pic Credit: urf7i/instagramदरअसल "HTTPS" साइट सिक्योर साइट होती हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramवहीं, "HTTP" वेबसाइट यानि कि “hypertext transfer protocol” ऑन डिमांड कनेक्शन बनाती है.
Pic Credit: urf7i/instagramये वेबसाइट आपके कनेक्शन को सुरक्षित करने में समय नहीं लेती जिसकी वजह से आपका डाटा सेफ नहीं रहता.
Pic Credit: urf7i/instagramवेबसाइट कि सिक्योरिटी चैक करने का एक तरीका है कि आप पैड लॉक आइकॉन पर क्लिक करें.
Pic Credit: urf7i/instagramयहां आपको कनेक्शन और उसकी सिक्योरिटी से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी.
Pic Credit: urf7i/instagramसिर्फ "HTTPS" लिखा होना या फिर पैड लॉक का साइन होना ही काफी नहीं है.
Pic Credit: urf7i/instagramकई बार नकली वेबसाइट असली दिखने के लिए कुछ अतिरिक्त शब्द या सिंबल उपयोग करते हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramपहली नजर में आप ये पकड़ नहीं पाते इसलिए जरूरी है कि पूरी वेबसाइट को आप ध्यान से पढ़ें.
Pic Credit: urf7i/instagramअसली वेबसाइट जांचने के लिए आप वेबसाइट के पेज पर कंटेंट की क्वालिटी भी जांच सकते हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramअगर वेबसाइट की कंटेंट क्वालिटी बिल्कुल सही नहीं है तो वह वेबसाइट फेक हो सकती है.
Pic Credit: urf7i/instagramGoogle Safe Browsing Transparency Report आपको असली और नकली वेब एड्रैस की पहचान में काफी मदद करता है.
Pic Credit: urf7i/instagramयहां जाकर आपको सिर्फ वेब एड्रैस को पेस्ट करना है और गूगल स्कैन करके आप को बताएगा कि वेब एड्रैस असली है या नहीं.
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