धंतेरस और दिवाली हिंदुओं के बड़े त्योहारों में से एक है. इन दिनों सोने और चांदी की खूब तेजी से बिक्री होती है.
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सुनारों की दुकान पर लाइन लगी रहती है. कोई सोने के जेवर खरीदता है तो कोई सिक्का आदि.
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अगर आप पैसे दे रहे हैं तो यह जांच जरूर कर लें कि आप जो सोना-चांदी ले रहे हैं वह पूरी तरह शुद्ध है भी या नहीं. यह मिनटों का काम है. आइए जानते हैं कैसे.
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हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड सोना ही खरीदें. सरकार ने इसे अब अनिवार्य कर दिया है.
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इसके तहत हर गोल्ड ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है.
केंद्र सरकार ने ज्वैलर्स के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. सरकार ने साफ कर दिया है कि हॉलमार्क अनिवार्य होने के बाद देश में सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने की ज्वैलरी ही बिकेगी.
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बीआईएस मार्क-हर ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क यानी BSI का लोगो होगा. कैरेट में प्योरिटी-हर ज्वैलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी.
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916 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 22 कैरेट के गोल्ड (91.6 फीसदी शुद्धता) की है. अगर 750 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 18 कैरेट (75 फी प्योरिटी होगी).
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अगर 585 लिखा है तो इसका मतलब कि ज्वैलरी 14 कैरेट गोल्ड (58.5 फीसदी) की है. हर ज्वैलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा जो हॉलमार्क सेंटर का नंबर होगा.
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