सर्दियों के मौसम में कोहरा भी देखने को मिलता है. इसकी वजह से कई ट्रेनें देरी से चलती हैं.
देरी से चल रही ट्रेनों के चलते यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. हालांकि, यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो, इसलिए रेलवे लोको पायलट्स को फॉग पास डिवाइस दे रहा है.
आइए जानते हैं क्या है फॉग पास डिवाइस और कैसे करता है काम.
फॉग पास डिवाइस एक जीपीएस आधारित नेविगेशन डिवाइस है, जो लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में ट्रेन चलाने में मदद करता है.
यह लोको पायलटों को सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट, स्थायी गति प्रतिबंध, तटस्थ खंड आदि जैसे निश्चित स्थलों के बारे में ऑन-बोर्ड वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है.
इस प्रणाली से भौगोलिक क्रम में आने वाले अगले तीन निश्चित स्थलों में से लगभग 500 मीटर तक ध्वनि संदेश के साथ-साथ अन्य संकेत मिलते हैं.
फॉग पास डिवाइस 160 किमी प्रति घंटे तक की ट्रेन गति के लिए उपयुक्त है.
यह पोर्टेबल, आकार में कॉम्पैक्ट, वजन में हल्का (बैटरी सहित 1.5 किलोग्राम से अधिक नहीं) और मजबूत डिजाइन वाला है.
इसमें 18 घंटे के लिए बिल्ट-इन रीचार्जेबल बैटरी बैकअप है.