दिल्ली मेट्रो में औसतन रोजाना 50 लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं. ये एक बड़ी संख्या है.
कई बार ऐसा हो जाता है कि मेट्रो में कोई अनहोनी हो जाए. पिछले दिनों इंदरलोक मेट्रो स्टेशन पर एक महिला की मृत्यु हो गई.
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ऐसे केस में डीएमआरसी मुआवजा देता है. आइये जानते हैं, क्या हैं नियम.
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दिल्ली मेट्रो रेलवे (संचालन और रखरखाव) अधिनियम, 2002 की धारा 57 में इसका उल्लेख किया गया है.
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"मेट्रो रेलवे प्रशासन, किसी अन्य कानून में निहित किसी भी बात के बावजूद, किसी की मृत्यु या शारीरिक चोट से होने वाले नुकसान के लिए मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा."
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मुआवजे के लिए वह व्यक्ति आवेदन कर सकता है, जिसे चोट लगी हो या कोई हानि हुई हो.
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मृतक के सभी या कोई भी आश्रित, जहां मृत्यु दुर्घटना के परिणामस्वरूप हुई हो.
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जैसा भी मामला हो, घायल व्यक्ति या मृतक के सभी या किसी आश्रित द्वारा विधिवत अधिकृत एक एजेंट.
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दिल्ली मेट्रो में मुआवजे के नियम के तहत किसी के साथ मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो की वजह से हादसा होता है तो उसे 50 हजार रुपये की तत्काल आर्थिक मदद करने की बात कही गई है.
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इसके साथ ही अतिरिक्त मुआवज़े का फैसला मेट्रो कमेटी ही करती है.