13 March 2024
केंद्र की मोदी सरकार ने 11 मार्च, 2024 को नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
CAA के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.
कानून के मुताबिक, जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले आकर भारत में बस गए थे, उन्हें ही नागरिकता दी जाएगी.
कानूनन भारत की नागरिकता के लिए कम से कम 11 साल तक देश में रहना जरूरी है.
लेकिन, नागरिकता संशोधन कानून में इन तीन देशों के गैर-मुस्लिमों को 11 साल की बजाय 6 साल रहने पर ही नागरिकता दे दी जाएगी. बाकी दूसरे देशों के लोगों को 11 साल का वक्त भारत में गुजारना होगा, भले ही फिर वो किसी भी धर्म के हों.
सरकार ने पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाया है. इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है.
भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन के लिए इस लिंक https:// Indiancitizenshiponline.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है.
आवेदक अपने मोबाइल फोन से भी एप्लाई कर सकता है.आवेदकों को वह साल बताना होगा, जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था.
आवेदकों को भारत में आने का दिन, भारत में आने के लिए वीजा या इमिग्रेशन स्टैंप समेत अन्य जानकारियां देनी होंगी.
भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म में शेड्यूल- 1A के तहत 9 तरह के दस्तावेज मांगे गए हैं.
जबकि शेड्यूल-1B के तहत 20 तरह के दस्तावेज और शेड्यूल- 1C के तहत शपथ पत्र यानी एफिडेविट देना होगा.
आवेदकों को सबसे पहले यह बताना होगा कि वे इन तीनों देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थी हैं. यानी वहां के निवासी हैं.
इसके लिए वहां के पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे.
आवेदक भारत सरकार की तरफ से जारी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, जमीनी दस्तावेज, बिजली और पानी बिल, विवाह प्रमाण पत्र आदि दिखाकर भी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं.
फॉर्म भरने के लिए दस्तावेज होना जरूरी नहीं किया गया है. यदि किसी के पास कोई दस्तावेज नहीं है तो वो उसका कारण बता सकता है.
फॉर्म में सारी जानकारी देने के बाद सत्यता की पुष्टि करनी होगी और हस्ताक्षर करने होंगे. झूठ या धोखाधड़ी की स्थिति में फॉर्म कैंसिल किया जा सकता है.
सरकार के सत्यापन और संतुष्टि के बाद डिजिटल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. आवेदक अगर हार्ड कॉपी चाहेगा तो वो भी उपलब्ध कराई जाएगी.
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