27 May 2026
पुणे में रहने वाले एक जोमैटो डिलीवरी पार्टनर की कहानी इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है.
यह कहानी न केवल उनकी ईमानदारी और जिम्मेदारी की मिसाल है, बल्कि उनके जज़्बे और मेहनत को भी दर्शाती है.
श्रीपाल गांधी ने बताया कि जब उन्होंने जोमैटो से एक ऑर्डर मंगाया था, तो आधा सामान ही डिलीवर हुआ था. उन्होंने शिकायत की, जिसके बाद डिलीवरी पार्टनर बचे हुए आइटम्स लेकर वापस आए.
श्रीपाल ने दावा किया कि डिलीवरी बॉय की इस त्रुटि में कोई गलती नहीं थी, लेकिन वह फिर भी अपने खर्च पर पेट्रोल भराकर सामान लेकर वापस पहुंचा. इस बात ने श्रीपाल को काफी प्रभावित किया.
अधिक हैरानी की बात तब हुई, जब श्रीपाल ने डिलीवरी बॉय को इस मेहनत के लिए 20 रुपये देने की कोशिश की, लेकिन उसने बड़े ही सादगी और सम्मान के साथ पैसे लेने से इनकार कर दिया.
जब श्रीपाल ने उस शख्स से बात की, तो पता चला कि वह पहले एक कंस्ट्रक्शन सुपरवाइजर था और हर महीने करीब 1.25 लाख रुपये कमाता था.
डिलिवरी मैन ने कहा कि वो जॉब सिर्फ़ पैसों के लिए नहीं बल्कि अपने सपने को ज़िंदा रखने के लिए भी कर रहे हैं...ज़िंदगी से उन्हें कोई गिला नहीं, शिकायत नहीं...चेहरे पर मुस्कान के साथ कहते हैं, "मेरे साथ भगवान हैं, मैं फ़िक्र क्यों करूं?"
लेकिन एक कार एक्सीडेंट ने उसकी जिंदगी बदल दी. एक्सीडेंट में शरीर के बाईं ओर लकवा मार गया, जिससे उसकी नौकरी चली गई.
बावजूद इसके, उसने हार नहीं मानी और जोमैटो में डिलीवरी पार्टनर के रूप में काम शुरू किया.
यह शख्स अपनी बेटी की पढ़ाई का खर्चा उठा रहा है, जो डेंटिस्ट बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.