13 May 2025
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दुनिया का सबसे खतरनाक बम जिसके इस्तेमाल की कीमत लाखों इंसानों की जान हो सकती है.उसे लेकर एक सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है-क्या परमाणु बम को टुकड़ों में रखा जाता है?
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परमाणु बम को सुरक्षा और नियंत्रण के लिए आमतौर पर अलग-अलग टुकड़ों में रखा जाता है. इसे 'कम्पोनेंट सेपरेशन' या 'डिसअसेम्बल्ड स्टोरेज' कहा जाता है.
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जिस तरह एक परमाणु बम के न्यूक्लियर कोर—जैसे प्लूटोनियम या यूरेनियम और उसका ट्रिगर मैकेनिज़्म—को अत्यधिक गोपनीयता और सुरक्षा के तहत अलग-अलग स्थानों पर स्टोर किया जाता है...
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कई देशों में यह व्यवस्था अपनाई जाती है कि बम का रेडियोधर्मी कोर उस डिवाइस से अलग रखा जाए जो उसे विस्फोट के लिए एक्टिव करता है
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ऐसे में बम तब तक एक्टिव नहीं रहेगा, जब तक दोनों हिस्सों को विशेषज्ञों की निगरानी में जोड़ न दिया जाए.
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परमाणु बम को अलग-अलग हिस्सों में रखने के पीछे सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, बल्कि रणनीतिक सोच भी होती है.इसे अलग रखने से बम को अगर कहीं पर ले जाना हो तो टुकड़ों में इसे ले जाया जा सकता है.
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कई परमाणु बमों में 'पिट'—या 'गड्ढा'—एक बेहद अहम हिस्सा होता है. यही वह सेंट्रल कोर है. यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 जैसे अत्यधिक संवेदनशील और रेडियोधर्मी तत्वों से बनाया जाता है.
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आमतौर पर इस कोर के हिस्सों को तब तक अलग-अलग रखा जाता है, जब तक कि बम को सक्रिय करने का अंतिम निर्णय न ले लिया जाए. जैसे हिरोशिमा और नागासाकी में किया गया था.
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