12 Apr 2025
Credit-Pexel
दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने अचानक करवट ली, हल्की बारिश से तापमान में गिरावट आई और लोगों को गर्मी से राहत मिली. बारिश के साथ ही हवा में सोंधी खुशबू फैल गई.
फाइल फोटो
सोंधी खुशबू आखिर आती कहां से है? ज़्यादातर लोग मानते हैं कि ये मिट्टी में पानी पड़ने से आती है, लेकिन इसके पीछे एक रोचक वैज्ञानिक वजह छुपी है.
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इस खास खुशबू को वैज्ञानिक भाषा में 'पेट्रिकोर' कहा जाता है. यह शब्द ग्रीक भाषा के 'पेट्रा' से आया है, जिसका अर्थ पत्थर या धरती से जुड़ा होता है.
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पेट्रिकोर की खुशबू बारिश की बूंदों में पहले से नहीं होती. यह खुशबू तब बनती है जब पानी की बूंदें धरती की सूखी मिट्टी से टकराती हैं.
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जब बारिश की बूंदें सूखी ज़मीन या धूल से मिलती हैं, तो उसमें मौजूद तैलीय पदार्थ और सूक्ष्मजीव रसायन छोड़ते हैं, जो खुशबू के लिए जिम्मेदार होते हैं.
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जब बारिश की बूंदें सूखी ज़मीन या धूल से मिलती हैं, तो उसमें मौजूद तैलीय पदार्थ और सूक्ष्मजीव रसायन छोड़ते हैं, जो खुशबू के लिए जिम्मेदार होते हैं.
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जैसे ही बूंदें जमीन पर गिरती हैं, वे छोटे बुलबुले बनाती हैं जो तेजी से हवा में ऊपर जाते हैं. ये बुलबुले मिट्टी के कणों को अपने साथ ले जाते हैं.
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ये बुलबुले टूटते समय मिट्टी के अति सूक्ष्म कणों को हवा में फैलाते हैं. इन कणों को 'एरोसॉल' कहा जाता है, जो खुशबू के वाहक बनते हैं.
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जब एरोसॉल हवा में फैलते हैं, तब इंसान की नाक उन सूक्ष्म कणों की सोंधी गंध को महसूस कर पाती है. यह अनुभव मानसून का एक खास अहसास बन जाता है.
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