होटलों के तौलिया-चादर का रंग सफेद क्यों होता है

13 Apr 2025

Credit-Pexel

होटलों में हमेशा सफेद चादर और तौलिये का ही इस्तेमाल क्यों होता है? ट्रेन के एसी डिब्बों में भी सफेद चादर और तकिए का गिलाफ दिया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है?

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एक रिपोर्ट ये  कहती है कि  19वीं सदी में, विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका के बड़े-बड़े लग्जरी होटलों, जैसे रिट्ज और सवॉय, ने सफेद लिनन (चादरें और तौलिये) का इस्तेमाल शुरू किया था.तब से ये परंपरा चल रही है.

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Cornell Hospitality Quarterly में इससे जुड़ा एक लेख प्रकाशित हुआ था, जिसमें बताया गया है कि होटलों में चादर और तौलिया हमेशा सफेद रंग के ही क्यों पसंद किए जाते हैं.

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सबसे पहली बात है मेहमानों की साइकोलॉजी. सफेद चादरें और तौलिये मेहमानों को यह भरोसा दिलाते हैं कि वे पूरी तरह साफ-सुथरे हैं, क्योंकि सफेद रंग पर दाग-धब्बे या गंदगी तुरंत नज़र आ जाती है

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 सफेद रंग समय के साथ फीका नहीं पड़ता, जबकि रंगीन कपड़े धोने और इस्तेमाल से अपनी चमक खो सकते हैं.  होटलों के लिए सफेद रंग मुनाफे का सौदा होता है.

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सफेद कपड़े बड़े पैमाने पर उत्पादित होते हैं, जिससे उनकी लागत कम होती है. साथ ही, होटल को अलग-अलग रंगों के कपड़े स्टॉक करने की जरूरत नहीं पड़ती.

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 सफेद रंग सभी होटल रूम्स में एकसमान और पेशेवर लुक देता है, जो ब्रांड की छवि को मजबूत करता है.यह किसी भी कमरे की सजावट के साथ भी आसानी से मेल खाता है..

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 सफेद रंग सभी होटल रूम्स में एकसमान और पेशेवर लुक देता है, जो ब्रांड की छवि को मजबूत करता है.यह किसी भी कमरे की सजावट के साथ भी आसानी से मेल खाता है..

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