11 Apr 2025
Credit: Pexel
भारत में जब सबसे खतरनाक सांप का नाम पूछा जाता है, तो अधिकतर लोग झट से 'कोबरा' बोल देते हैं. लेकिन असलियत में यह सबसे घातक सांप नहीं है.
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असल खतरा उस सांप से है, जिसका नाम कम लोग जानते हैं, लेकिन ज़हर इतना खतरनाक कि इलाज भी हार मान जाए! एक बार डस लिया, तो जिंदगी की डोर थामे रखना मुश्किल हो जाता है.
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हम बात कर रहे हैं रसेल वाइपर (Russell’s Viper) की—वो खामोश शिकारी, जो पल भर में वार करता है और उसका जहर ऐसा कि शरीर का खून जमने लगता है.
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इसका रंग आमतौर पर भूरा या पीला-भूरा होता है, जिस पर गहरे भूरे या काले रंग के गोलाकार धब्बे बने होते हैं. यही वजह है मिट्टी, झाड़ियों या सूखे पत्तों में ये ऐसा घुल-मिल जाता है कि पहचानना मुश्किल हो जाता है.
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इसका सिर त्रिकोणीय होता है, जो इसे कोबरा या करैत जैसे सांपों से अलग बनाता है. आंखें बड़ी होती हैं, जिससे ये साफ-साफ देख सकता है, खासकर रात में.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि भारत में सांप काटने के मामलों को अब भी गंभीरता से नहीं लिया जाता.रसेल वाइपर जैसे खतरनाक सांप के काटने से इंसान के शरीर में गुर्दे फेल होने लगते हैं,
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रसेल वाइपर का ज़हर इतना तेज होता है कि काटने के 15 से 30 मिनट के भीतर ही शरीर में खून जमने लगता है.मेडिकल भाषा में इसे कोएगुलोपैथी (Coagulopathy) कहा जाता है.
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हालात इतने बिगड़ते हैं कि सेप्सिस (इंफेक्शन का खतरनाक रूप) तक पहुंच जाता है.यही वजह है कि कई बार एंटी वेनम (जहर का इलाज) भी असर नहीं कर पाता और मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है.
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