कहते हैं कोयला सालों में बनता है हीरा, सच में ऐसा होता है?

16 Aug 2025

Photo: Pexel/Representational

ऐसा माना जाता है कि कोयले को लंबे समय तक रखने से वह हीरा बन जाता है. लेकिन क्या वास्तव में ऐसा संभव है और कोयले का हीरे से कोई संबंध है?

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हीरा और कोयला दोनों कार्बन से बने हैं, इसलिए लोग मानते हैं कि कोयला समय के साथ हीरा बन सकता है. हालांकि, यह धारणा पूरी तरह गलत है.

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हीरा गहराई में अत्यधिक दबाव और उच्च तापमान में बनता है. दबाव सतह की तुलना में लगभग 50,000 गुना ज़्यादा और तापमान 1600 डिग्री सेल्सियस तक होता है.

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हीरे का निर्माण बेहद धीमी प्रक्रिया है. इसे बनने में लगभग 1 से 3.3 अरब साल लगते हैं. यही इसे पृथ्वी पर दुर्लभ और खास बनाता है.

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कोयले में शुद्ध कार्बन नहीं होता. इसमें हाइड्रोजन, नाइट्रोजन और सल्फर शामिल हैं. यही वजह है कि कोयला हीरा बनने के लिए उपयुक्त नहीं है.

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हीरे में कार्बन परमाणु सघन नेटवर्क बनाते हैं. हर कार्बन चार अन्य से जुड़ा होता है. कोयले में कार्बन का जुड़ाव ढीला और असंगठित होता है.

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हीरा पारदर्शी और चमकदार होता है क्योंकि लाइट इसमें से गुजर सकती है.कोयला और ग्रेफाइट डार्क होते हैं, लाइट को पार नहीं होने देते.

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सिर्फ़ कोयला रखने से हीरा नहीं बन सकता. इसके लिए अत्यधिक दबाव और तापमान की जरूरत होती है. कोयले में मौजूद तत्व इसे असंभव बनाते हैं.

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