टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के बाद अधिकतर एथलीट लगातार भगवान के दर पर पहुंच रहे हैं.
ओलंपिक में सिल्वर जीतने वाले दहिया ने हाल ही में हरिद्वार स्थित मंदिर में जलाभिषेक किया.
फिर उन्होंने सोमवार को जम्मू में माता वैष्णो देवी का दर्शन कर उनसे आशीर्वाद लिया.
रवि दहिया ने बीते रविवार को अपने गांव के बाबा शंभूनाथ मंदिर में पूजा की.
बताया जा रहा है कि रास्ते में रवि को देखते ही लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए दौड़ते दिखे.
भगवान का जलाभिषेक करते हुए रवि दहिया की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं.
लोग उनके अंदाज को देखकर उन्हें वास्तविक जीवन का बाहुबली बता रहे हैं.
दहिया ने टोक्यो ओलिंपिक में 57 किलोग्राम भार वर्ग की फ्रीस्टाइल कैटेगरी में सिल्वर मेडल हासिल किया है.
रवि दहिया के लिए दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम से ओलंपिक तक का सफर आसान नहीं था.
रवि दहिया का जन्म 1997 में हरियाणा के सोनीपत जिले के नहरी गांव में हुआ था.
उनके पिता एक भूमिहीन किसान थे, जो बटाई की जमीन पर खेती किया करते थे.
10 साल की उम्र से ही रवि ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग शुरू कर दी थी.
उन्होंने 1982 के एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले सतपाल सिंह से ट्रेनिंग ली है.
दहिया के पिता राकेश हर रोज अपने गांव से 40 किलोमीटर दूर आकर उन्हें दूध-फल पहुंचाते थे.