पेट्रोल और डीजल की कारें दुनिया भर के देशों में चल रही हैं. इनमें ईंधन की काफी खपत होती है.
देशों को अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए अरबों खरबों रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं.
इस तरह की कारों के चलने से प्रदूषण भी तेजी से फैलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक देश इन पर रोक लगा सकता है.
ऐसा हो सकता है कि साल 2030 से ब्रिटेन में पेट्रोल डीजल की कारें ना चलें. क्योंकि सरकार ऐसी गाड़ियों की बिक्री पर बैन लगाने की योजना बना रही है.
सरकार 2035 से हायब्रिड गाड़ियों की बिक्री पर भी रोक लगा देगी. ये फैसला इलेक्ट्रिक कार इंडस्ट्री में एक क्रांति की तरह होगा.
लोगों को यहां इलेक्ट्रिक गाड़ियां अब ज्यादा बेहतर लग रही हैं. इसी वजह से वो इन्हें काफी पसंद भी करते हैं. साथ ही इसके फायदे भी गिनाते हैं.
हालांकि सरकार के सामने भविष्यों में इलेक्ट्रिक कारों को लेकर भी कई अड़चनें हैं. लोगों का कहना है कि कुछ ही जगहों पर चार्जिंग मिलती है.
सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट्स की कमी है, और अगर मिल भी जाएं तो वहां भीड़ होती है. इसी वजह से लोग लंबी यात्रा करने से बचते हैं.
इस लक्ष्य को हासिल करने में जो अड़चनें हैं, उनमें प्लानिंग में लंबी देरी, 200 से अधिक स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार से कम तालमेल शामिल हैं.
इन सबको अगर ध्यान में रखा जाए तो 2030 तक ब्रिटेन के शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य में एक लाख चार्जिंग पॉइंट्स की कमी होगी.
सरकार ने स्थानीय प्रशासन को ही चार्जिंग पॉइंट्स लगाने की जिम्मेदारी दे दी है. दूसरी बात ये भी है कि पहले से मौजूद कंपनियों को खुद को इस क्रांति में ढालना होगा.