एक मासूम बच्ची की नीली रंग की आंखें उसके माता पिता को काफी पसंद थीं. जो कोई भी उसे देखता इन आंखों की तारीफ करने लगता.
मगर जब आंखों के इन रंगों की सच्चाई पता चली, तो इनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. ये एक बीमारी के लक्षण थे.
ये उस बीमारी का लक्षण है, जिसके कारण वो ब्लाइंड हो सकती है. 34 साल की लूसी बाइस की बेटी एरेट्रिया बड़ी और नीली आंखों के साथ पैदा हुई थी.
ऐसी आंखें पूरे परिवार में किसी की नहीं हैं. दिन में कम से कम 6-7 अजनबी लोग बच्ची की तारीफ करते थे. जिससे लूसी को काफी अच्छा लगता.
जब एरेट्रिया छह महीने की हुई तो एक आंख का रंग मिल्की हो गया. उसे उसमें दर्द होने लगा. तब लूसी अपने पार्टनर के साथ उसे डॉक्टर के पास ले गईं.
उन्होंने बताया कि बच्ची बाइलेटरल कंजेनिटल ग्लूकोमा के गंभीर मामले से पीड़ित है. ये एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें आंखों की नर्व पर दबाव बढ़ता है.
ऐसी स्थिति में तत्काल सर्जरी की आवश्यकता होती है. अभी एरेट्रिया 10 महीने की है. उसकी जून में चार घंटें तक सर्जरी चली. लेकिन टेस्ट में पता चला कि ये फेल हो गई है.
इसी वजह से अगस्त में एक बार फिर सर्जरी हुई. जिसके नतीजे अभी नहीं आए हैं. लूसी का कहना है कि वो सपने में भी नहीं सोच सकती थीं कि बेटी की खूबसूरत आंखें, किस खराब कारण की वजह से हैं.
लूसी का कहना है कि एरिट्रिया की दोनों आंखों की रोशनी थोड़ी कम हो गई है. दो सर्जरी के बाद भी नहीं पता कि आगे क्या होगा. वो दाईं आंख से केवल 5 फीसदी ही देख सकती है.