उत्तर कोरिया एक ऐसा देश है, जो तमाम रहस्यों से भरा हुआ है. वो रहस्य जिनमें से कई अब भी बाहर नहीं आए हैं.
बस देश से जुड़ी जो खबर आए दिन लोगों के कानों में पड़ती है, वो है मिसाइल दागे जाने की.
जिसके लिए देश के नेता किम जोंग उन पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं. अब उत्तर कोरिया का एक और राज सामने आ गया है.
देश की जनता को खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता, इन्हें विचारों को अभिव्यक्त करने और सोशल मीडिया या टेलीविजन के माध्यम से भी दुनिया से जुड़ने की आजादी नहीं है, ये वो बातें हैं, जो हम जानते हैं.
अब खबर सामने आई है कि लोग भूख के कारण दम तोड़ रहे हैं. इनकी मुश्किलें पहले से ज्यादा बढ़ गई हैं, जिसके पीछे सिर्फ और सिर्फ किम जोंग उन का ही हाथ है.
उनके फैसले लोगों की जिंदगियों पर भारी पड़ रहे हैं. मामला ये है कि देश में बेशक पहले से ही अनाज की कमी रही है लेकिन लोग पड़ोसी देशों से अनाज लाकर गुजारा कर लेते थे.
लेकिन अब ये भी संभव नहीं रहा. चीन से आने वाले अनाज, खाद और कृषि उपकरणों रोक लगा दी गई है.
देश की सेना को आदेश दिया गया है कि जो कोई भी सीमा पार करता दिखे, उसे गोली मार दो. ऐसे में देश के भीतर किसी भी तरह से अनाज नहीं आ पा रहा.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उसने दक्षिण कोरिया के एक संगठन Daily NK की मदद से इस देश के तीन लोगों के संपर्क किया.
जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर बताया कि देश के भीतर क्या चल रहा है. उन्होंने बताया कि कैसे अमीर शहर प्योंगयांग में भी लोग भूख से तड़पकर मर रहे हैं.
अनाज रोककर सारा पैसा मिसाइल और हथियारों पर खर्च किया जा रहा है. इस देश की सीमाएं 2020 से यानी कोरोना महामारी के समय से बंद है.
इससे लोग न तो देश से भाग पा रहे हैं. न ही वो पड़ोसी देशों से अनाज ला पा रहे हैं और न ही उसे छिप छिपकर बेच पा रहे हैं. ये लोग बाजार में इसी तरह से खरीदारी भी करते हैं.
उत्तर कोरिया की आबादी 2 करोड़ 60 लाख लोगों की है. ये देश कभी भी अपने नागरिकों के लिए पर्याप्त मात्रा में अनाज नहीं उगा सका है.
लोगों से की गई बातचीत में पता चला है कि यहां भिखारियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ये जब सड़क पर पड़े होते हैं, जब लोग इन्हें चेक करते हैं तो मरा हुआ पाते हैं.
देश अकाल के मुहाने पर आ गया है. कहीं पांच तो कहीं दस लोग भूख से मर रहे हैं. रिपोर्ट में बताया है कि एक परिवार में महिला काफी बीमार थी, तो उसके बच्चे भीख मांगकर गुजारा कर रहे थे.
बाद में तीनों ने दम तोड़ दिया. उत्तर कोरिया के अधिकारी बाहर से खाने या मेडिकल सप्लाई भी नहीं आने देते. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं, जो दो या तीन दिन तक भूखे रहते हैं.
अभी की स्थिति से लोगों को उस अकाल की याद आ जाती है, जो 1997 में पड़ा था. इसे आर्डुअस मार्च के नाम से जाना जाता है. इसमें करीब 30 लाख लोग मारे गए थे.
अभी के वक्त में देश में कई मौतें इसलिए भी हुई थीं क्योंकि सरकार ने कोरोना महामारी को रोकने के लिए लोगों के घर से निकलने पर रोक लगा दी थी. लोग घरों में फंस गए थे.
इस दौरान घर में ही उनकी मौत हो रही थी. देश में बेशक अकाल की स्थिति है लेकिन किम जोंग उन को कोई भी चीज हथियारों पर पैसा खर्च करने से रोक नहीं पा रही है.