मखाना खाना भला किसे पसंद नहीं है. लोग इसे घी में रोस्ट करके भी खाते हैं और इसकी खीर भी बनाते हैं.
लेकिन क्या आपको पता है कि मखाने आखिर बनते कैसे हैं? अगर नहीं तो आज जान लीजिए. इसका एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है.
इंस्टाग्राम पर फूडी इनकार्नेट नाम के अकाउंट पर मखाने बनाए जाने का वीडियो शेयर किया गया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है.
वीडियो के कैप्शन में लिखा है, 'मखाना यानी फॉक्सनट इस तरह बनाए जाते हैं.'
वीडियो को पूरा देखने के बाद आप समझ जाएंगे कि मखाने कितनी मेहनत के बाद तैयार होते हैं. वीडियो को नेपाल बिहार बॉर्डर पर बनाया गया है.
यहां भारत की सबसे अच्छी मखानों की खेती होती है. वीडियो के शुरुआत में देखा जा सकता है कि सबसे पहले मखानों को उसके पेड़ से चुना जाता है.
इसके लिए लोगों को पानी में ही जाना पड़ता है. जो दिखने में बेहद मटमैला है. पानी ऐसा है कि कुछ दिखाई देना भी मुश्किल है.
मखाना बनाने के काम में लगे लोगों को पानी में डुबकी लगाकर पेड़ से गिरे मखानों को एकत्रित करके लाना होता है.
अब सारे जमा किए गए मखाने को बांस के गाजे में भरा जाता है और जोर जोर से हिलाया जाता है. इसे पानी में साफ किया जाता है.
इसके बाद मखाने को बोरियों में भरा जाता है. इन सभी मखानों को जमीन पर जाली बिछाकर डाल दिया जाता है.
इसके बाद तीन लोगों को मखाने को पैरों से कुचलते हुए देखा जा सकता है. ये ऐसा इसलिए कर रहे हैं, ताकि मखाने पर से सारा छिलका उतर जाए.
ये काम करीब 15-20 मिनट तक चलता है. अब इसे दोबारा बोरियों में भरा जाता है. मखाने को दोबारा गाजे में डालकर नदी के पानी से धोया जाता है.
गाजे को नदी के पानी में जोर जोर से हिलाया जाता है. इस काम में भी 10-15 मिनट लगते हैं. मखाने को धोने के बाद फिर से बोरों में भरा जाता है.
मखानों को इसके बाद कारखाने में भेजा जाता है. इन्हें सूखने के बाद चूल्हों पर भूना जाता है. मखानों को एक के बाद दूसरी, फिर तीसरी कढ़ाई में डाला जाता है.
आखिरी कढ़ाई में भुनने के बाद मखाने को एक चीज से ठोका जाता है. मखाने को तैयार होने के बाद गुणवत्ता के आधार पर बांटा जाता है.
इन्हें जाली पर डालकर छाना जाता है. जो छोटे साइज के मखाने हैं, वो नीचे निकल जाते हैं और बड़े साइज के मखाने ऊपर की तरफ रह जाते हैं.
बड़े साइज वाले मखाने अधिक दाम में बिकते हैं और छोटे साइज के मखानों का दाम कम होता है.
वीडियो को देख लोग खूब कमेंट कर रहे हैं. एक यूजर ने कहा, 'मखाने ऐसे बनते हैं, अब नहीं खाऊंगी.'
एक अन्य यूजर ने कहा, 'ये लोग बहुत मेहनती हैं. ये हर एक मखाने को पूरी कोशिश के साथ पॉप कर रहे हैं. इन सबके लिए मेरे दिल में सम्मान जाग गया है.'
तीसरे यूजर ने कहा, 'हां अब बोलो अनहाइजीनिक. बड़े शॉक से खाते हो इसे तो.' चौथे यूजर ने कहा, 'वाओ यार, पहली बार देखा है मैंने ये.'