इतिहास की सबसे क्रूर रानी... परिवार के लोगों को भूखा रख-रखकर मारती थीं

10 June 2025

इतिहास में कई क्रूर रानियां हुईं. इनमें से एक थी मेडागास्कर की रानी रानावलोना -1. इन्होंने सत्ता पाने के लिए क्रूरता की हद पार कर दी थी.(तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

Credit: Meta AI

रानावलोना का जन्म 1788 में एक साधारण परिवार में हुआ था, जिसका राजघराने से कोई संबंध नहीं था. फिर भी वह मेडागास्कर की रानी बन गई. (तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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रानावलोना की रानी बनने की कहानी भी दिलचस्प और खौफनाक है. रानी बनने के बाद भी उन्होंने अपने लोगों और विरोधियों का बेरहमी से कत्ल किया. उसने मेडागास्कर पर 30 साल तक शासन किया. (तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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रानी रानावलोना ईसाई धर्म के खिलाफ थी और अपनी जनजाति मेरिनास की परंपराओं में दृढ़ता से विश्वास करती थीं.(तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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रानावलोना के पिता को मरीना साम्राज्य के भावी राजा एंड्रियनम्पोइनिमेरिना को मारने की योजना का पता चला और उन्होंने अपने स्वामी को इस बारे में बता दिया. (तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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इससे एंड्रियनम्पोइनिमेरिना बहुत आभारी था और इसलिए उसने रानावलोना को गोद ले लिया और वादा किया कि वह उसके बेटे रादामा से शादी करेगी. (तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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जब रादामा राजा बन गए और रानावलोना उनकी बारह पत्नियों में से पहली पत्नी थीं. जब राजा रादामा की मृत्यु हुई,उस समय रानावलोना के कोई संतान नहीं थी.(तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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तब उनके भतीजे राकाटोबे जो रानावलोना की बहन का बेटा था, सिंहासन का उत्तराधिकारी बना.(तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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हालांकि कानून के अनुसार, रानावलोना का कोई भी बच्चा सिंहासन का उत्तराधिकारी हो सकता था, भले ही वह बच्चा रादामा की मृत्यु के बाद पैदा हुआ हो. (तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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इसका मतलब यह था कि राकाटोबे रानावलोना को मार सकता था. इसलिए रानावलोना ने उसे रास्ते से हटाने का फैसला किया. उसने खुद को रानी घोषित कर लिया था. (तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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अपने कुछ विश्वासियों के साथ मिलकर रानी ने महल पर कब्जा कर लिया. फिर उसने राकाटोबे, उसकी मां और परिवार के कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया. (तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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उसने सभी को भूखा रखकर मौत के घाट उतारा. सिर्फ राकाटोबे को भाले से भोंककर मार डाला था. इस तरह 12 जून 1829 को रानी ने विधि पूर्वक ताज पहना.(तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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इसके बाद भी उसने कानूनी ट्रायल के नाम पर लोगों को जहरीले बीज खिलाकर मारने की परंपरा शुरू की. साथ ही उन्होंने ईसाई धर्मावलंबियों पर भी काफी अत्याचार किए. (तस्वीर  AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक है)

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