पाकिस्तान में मुस्लिम ने पी शराब तो ये है सजा, जानिए यहां कितनी शराब फैक्ट्रियां

29 Mar 2025

मुस्लिम धर्म में नशीले पदार्थों को 'शैतान का काम' बताया गया है. इसलिए इस्लाम में शराब या नशीले पदार्थों के सेवन की मनाही है.

यही कारण है कि इस्‍लामिक कंट्री पाकिस्‍तान में शराब कई इलाकों में अवैध है. खासकर मुसलमानों के लिए शराब पीना मना ही है, लेकिन ब्‍लैक में ये लोग शराब की खरीदारी करते हैं.

National Library Health के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपना पहला शराब निषेध कानून 1977 में बनाया था.

1979 में एक अध्यादेश के जरिए इन कानूनों को और मजबूत किया गया.

देश में मुसलमानों के शराब पीने पर पूरी तरह पाबंदी है, जबकि गैर-मुसलमानों सीमित कोटा में शराब का सेवन कर सकते थे.

मुस्लिम नागरिकों के लिए शराब पीने पर 80 कोड़े मारने की सजा का प्रावधान है.

नीति में सबसे बड़ी खामी गैर-मुसलमानों को कोटा परमिट जारी करना है.

अल्पसंख्यक सरकार से परमिट बनाकर एक सीमित मात्रा पर शराब खरीद सकते हैं.

वहीं, अगर कोई विदेशी व्यक्ति पाकिस्तान में है तो वो बिना परमिट भी शराब खरीद सकते हैं.

विदेशियों को परमिट की जरुरत नहीं होती है, लेकिन अगर वे वहां बसने की सोच रहे हैं तो उन्हें परमिट की जरुरत होगी.

BBC के अनुसार, पाकिस्तान में शराब बनाने की तीन फ़ैक्ट्रियां हैं जो मर्री ब्रुरी, कोवैटा डिस्टलरी, इंडस डिस्टलरी के नाम से जानी जाती हैं.

Credit: Pixabay