6 November 2024
अलग-अलग धर्मों में शादियों के नाम और रस्में भी अलग-अलग होती हैं. हिंदू में विवाह, तो इस्लाम में इसे निकाह कहा जाता है. इसी तरह यहूदियों की शादी का भी एक नाम होता है. आइए जानते हैं क्या होता है यहूदियों के विवाह का नाम और कैसी होती हैं रस्में.
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यहूदियों में शादी की रस्म को पवित्र माना जाता है और यह एक धार्मिक अनुष्ठान होता है. इसके लिए कई नियम-कायदे बनाए गए हैं.
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यहूदियों की शादी को निसुइन (विवाह) कहते हैं. वैसे इसे चुप्पा भी कहा जाता है. यहूदियों में शादी दो पार्ट में पूरी होती है.
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पहला पार्ट किडुशिन (सगाई) कहलाता है. इस चरण में दूल्हा दुल्हन को शादी से पहले अंगूठी या कोई अन्य उपहार देता है. इसके बाद उस महिला पर दूसरे पुरुष हक नहीं रख सकते.
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दूसरा पार्ट होता है निसुइन (विवाह). मुख्य रूप से यही यहूदी शादी होती है. इसमें जोड़े को शादी की एक-दूसरे की अनुमति देते हैं.
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इसी दौरान एक और रस्म होती है. यह केतुबा (विवाह अनुबंध) कहलाता है. इसमें दो गवाहों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं.
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इस पूरे निसुइन को पूरा करने वाले समारोह को चुप्पा के नाम से भी जाना जाता है. यही कारण है कि यहूदी शादियां चुप्पा या निसुइन के नाम से भी जानी जाती है.
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असल में चुप्पा शादी के लिए बने मंडप को कहा जाता है. इसे चुप्पा या हुप्पा कहा जाता है. कहा जाता है कि यह मंडप ही नए जोड़े का असल घर होता है.
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असल में चुप्पा शादी के लिए बने मंडप को कहा जाता है. इसे चुप्पा या हुप्पा कहा जाता है. कहा जाता है कि यह मंडप ही नए जोड़े का असल घर होता है.
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यहूदियों की शादी में दुल्हन को कल्लाह और दूल्हे को चटन कहा जाता है. इसे एक पवित्र कार्यक्रम माना जाता है. (यहां इस्तेमाल की गई सभी तस्वीरें प्रतीकात्मक हैं)
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