09 Apr 2025
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मच्छरों का काटना कभी-कभी ऐसा अहसास देता है जैसे किसी ने शरीर में सुई चुभा दी हो. ऐसे में लोगों के जहन में एक दिलचस्प सवाल उठता है, क्या मच्छर के डंक और सुई में कोई समानता होती है.
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पहले जानिए मच्छर की सूंड (जिसे प्रोबोसिस कहते हैं) बेहद पतली, नुकीली और जटिल संरचना वाली होती है.
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एक औसत सुई का व्यास 0.5 से 1 मिलीमीटर तक हो सकता है. वहीं मच्छर के प्रोबोसिस का व्यास 0.02 से 0.06 मिलीमीटर होता है, यानी यह सुई से कई गुना पतली.
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दूसरी तरफ यह सुई की तरह एक प्वाइंट में नुकीली नहीं होती, बल्कि इसमें छह सूक्ष्म भाग (स्टायलेट्स) होते हैं जो एक साथ मिलकर त्वचा को भेदते हैं.
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ये स्टायलेट्स इतने बारीक और तेज होते हैं कि वे इंसानी की स्किव को आसानी से चीर सकते हैं.
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मच्छर के लार में मौजूद एनेस्थेटिक पदार्थ के कारण हमें फौरन दर्द का एहसास भी नहीं होता.
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मच्छर के लार में मौजूद एनेस्थेटिक पदार्थ के कारण हमें फौरन दर्द का एहसास भी नहीं होता.
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मच्छर का डंक एक जैविक संरचना है. सुई के मुकाबले ये अधिक लचीला होता है, ह खास बनावट और तेजी ही इसे इतना प्रभावी बनाती है.
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