म्यांमार में इंडियन आर्मी ने उतारे अपने रोबोट और ड्रोन, आखिर क्या होगा इनका काम?

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11 April 2025

Credit:  Indian Army

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म्यांमार में 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप को लेकर राहत-अभियान कार्य जारी है.

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इस भूकंप में 3,645 लोगों की जान चली गई थी और 5,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

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इस भूकंप में 3,645 लोगों की जान चली गई थी और 5,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

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भारत मदद भेजने वाले पहले देशों में से एक है, जिसने आपदा के ठीक एक दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के सैन्य नेता मिन आंग हलिंग से बात की, समर्थन और संवेदना व्यक्त की.

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भारत मदद भेजने वाले पहले देशों में से एक है, जिसने आपदा के ठीक एक दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के सैन्य नेता मिन आंग हलिंग से बात की, समर्थन और संवेदना व्यक्त की.

ऑपरेशन ब्रह्मा के नाम से जाना जाने वाला राहत प्रयास भूकंप के तुरंत बाद शुरू हुआ. भारत ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में उन्नत खोज और बचाव (एसएआर) कार्यों के लिए रोबोटिक खच्चरों और नैनो ड्रोनों को तैनात किया गया.

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भारतीय सेना ने म्यांमार में क्षतिग्रस्त इमारतों का आकलन करने के लिए रोबोटिक खच्चरों और नैनो ड्रोन को तैनात किया है.  वे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग कर खोज-बचाव अभियान चला रहे हैं. 

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ये खच्चर और ड्रोन सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों का तेज़ी से आकलन करते हैं. रोबोटिक खच्चर किसी भी तरह के ऊंचे-नीचे रास्तों पर चल सकते हैं और 70 से 80 किलोग्राम वजन उठा सकते हैं. 

ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत, भारतीय सेना ने मांडले और आस-पास के कस्बों में ढही इमारतों के मलबे को हटाने के लिए अत्याधुनिक एसएआर रोबो म्यूल्स (मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट) और नैनो ड्रोन पेश किए हैं.

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सेना की तरफ से शेयर किए गए एक वीडियो में, एक रोबोट खच्चर टूटी हुई इमारतों और मलबे पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है. ये मशीनें खोज और बचाव (SAR) अभियानों के तहत भारत के विशेष बचाव प्रयासों का हिस्सा हैं.

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सागाइंग, मांडले और मैगवे टाउनशिप में 80 प्रतिशत से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त होने की सूचना है. इसके अलावा, देश में 100 से अधिक झटके महसूस किए गए हैं, जिससे बचाव कार्य और भी मुश्किल हो गया है.

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