एक 1500 साल पुराने चर्च की जमीन के नीचे जो कुछ मिला है, उससे हर कोई हैरत में है. यहां प्राचीन सामान ही नहीं बल्कि रहस्यमयी कमरे और सुरंगें भी मिली हैं.
इनमें संगमरमर और रंग बिरंगे पत्थर लगे हुए हैं. पुरातत्वविद अब इन अंडरग्राउंड रास्तों की जांच कर रहे हैं, जो तुर्की के इस्तांबुल में काफी पुराने हैं.
ये रास्ते चर्च का ही हिस्सा माने जा रहे हैं, उस वक्त इस शहर का नाम कांस्टेंटिनोपल हुआ करता था. तब यहां ईसाई आबादी रहती थी.
सेंट पॉलीयुक्टस चर्च में ये खुदाई की गई है. जो साल 524 और 527 के वक्त बना दूसरा प्रमुख स्थान हैं. पहले स्थान पर ग्रैंड हागिया सोफिया मस्जिद है.
दो बड़े चैंबर और टनल को देखकर ऐसा लग रहा है कि ये चर्च के आल्टर से जुड़े हुए थे, जहां ईस्टर्न ऑर्थोडॉक्स चर्च सर्विस के दौरान ब्रेड और वाइन तैयार किए जाते थे.
जमीन के नीच बने इन चैंबर्स को संगमरमर और रंग बिरंगे पत्थरों से सजाया गया था. मिरर यूके ने लाइव साइंस की रिपोर्ट के हवाले से ये जानकारी दी है.
चर्च अब नहीं रहा लेकिन इसके आसपास खुदाई का काम चलता रहता है. यहां रोमन युग की यूनानी भगवान पान की मूर्ति भी मिली है. लेकिन उसकी हालत ठीक नहीं है.
पुरातत्वविद हैरान हैं कि मूर्ति को क्यों तोड़ा गया. इस्तांबुल महानगर पालिका के महासचिव महीर पोलाट ने कहा, 'हमने इस्तांबुल में एक और शानदार पुरातात्विक खोज की है, जहां इतिहास बोल रहा है.'
उन्होंने कहा, 'हमें इस्तांबुल के दिल Saraçhane में हमारी खुदाई के दौरान 1700 साल पुरानी पान की मूर्ति मिली है.'
महीर ने कहा, 'हमने देखा कि हम मूर्ति के साथ खोए हुए रोमन पैलेस तक पहुंच गए हैं, जो इस्तांबुल का हिस्सा है. इस्तांबुल इतिहास और पर्यटन के मामले में काफी अहम है.'
चर्च की खुदाई में मिली मूर्ति को पुरातत्व संग्रहालय निदेशालय की देखरेख में रखा गया है. जहां इसकी जांच की जाएगी और इसकी सटीक तारीख पता करने की कोशिश होगी.
कपड़ा लपेटे एक आदमी की मूर्ति का टुकड़ा भी मिला है, उसकी भी जांच की जाएगी. वहीं चर्च की बात करें, तो ये बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है.
खासतौर पर ऐसा लातिनी आक्रमण के दौरान हुआ था. ऐसा भी माना जाता है कि इसे साल 1010 में आए भूकंप ने काफी नुकसान पहुंचाया था.