02 April 2025
मुगलों ने भारत पर करीब 300 सालों तक राज किया. फिर एक ऐसा भी दिन आया, जो मुगलिया सल्तनत का इस देश में आखिरी दिन साबित हुआ. चलिए जानते हैं वो कौन सी तारीख थी जब इनकी बादशाहत भारत से खत्म हो गई.
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1857 के विद्रोह तक मुगल शासन कमजोर हो चुका था और उनका प्रभाव भी देश में काफी कम हो गया था. उस समय तेजी से ब्रिटिश हुकूमत अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबा रहे थे.
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1857 के विद्रोह के बाद एक समय ऐसा भी आया, जब अंग्रेजों ने दिल्ली के लाल किले पर कब्जा कर लिया, जो आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का निवास स्थान था.
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20 सितंबर 1857 ही वो तारीख थी, जब आखिरी मुगल बादशाह ने अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. जब अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार किया तो वो हुमायूं के मकबरे में छिपे हुए थे.
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इससे पहले बहादुर शाह जफर ने पुराने किले में शरण ली थी. जब उन्हें पता चला कि अंग्रेज किले के अंदर पहुंच चुके हैं तो वे पूरे परिवार के साथ निकलकर पुराने किले पहुंच गए थे.
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17 सितंबर को बहादुर शाह जफर को लाल किला छोड़ना पड़ा था. 20 सितंबर को उन्हें हुमायूं के मकबरे से गिरफ्तार किया गया था.
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ब्रिटिश मेजर हॉडसन ने अंतिम मुगल बादशाह को गिरफ्तार किया था. इसके बाद मुगल शहजादों को भी पकड़ा गया, लेकिन उन्हें गोली मार दी गई थी.
अंग्रेजों ने बहादुर शाह जफर को बर्मा (अब म्यांमार) भेज दिया. उनकी मृत्यु रंगून में ही हुई थई. वहां उन्होंने सात 7 नवंबर, 1862 में एक बंदी के रूप में दम तोड़ा. उन्हें रंगून में श्वेडागोन पैगोडा के नजदीक दफनाया गया.
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