23 Aug 2025
Photo: Pexel
बॉलीवुड फिल्मों में अक्सर नाग-नागिन की कहानियाँ दिखाई जाती हैं. इनमें यह दावा किया जाता है कि सांप अपनी आंखों में हमलावर की तस्वीर कैद कर लेते हैं और साथी नागिन बाद में बदला लेती है.
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ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या सचमुच सांप इंसानों की तरह बदला लेने की भावना रखते हैं? क्या वे किसी को याद रख सकते हैं या तस्वीर पहचान सकते हैं? आइए इसे वैज्ञानिक नजरिए से समझते हैं.
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वैज्ञानिक रूप से, सांप इंसानों के चेहरों को पहचानने या याद रखने में सक्षम नहीं हैं. उनका दिमाग बहुत साधारण होता है और उसमें चेहरे पहचानने की क्षमता बिल्कुल नहीं होती.
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सांप अपनी इंद्रियों पर ज़्यादा निर्भर रहते हैं, खासकर गंध और गर्मी महसूस करने की क्षमता पर. वे इंसानों की तरह विजुअल मेमोरी का इस्तेमाल नहीं करते. इसी कारण चेहरे पहचानना उनके लिए संभव नहीं.
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सांप की आंखें कैमरे की तरह काम नहीं करतीं. उनकी आंखें सिर्फ देखने और आसपास का माहौल समझने के लिए होती हैं, न कि तस्वीर को स्थायी रूप से संजोकर रखने के लिए.
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जब सांप मरता है तो उसका मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र काम करना बंद कर देते हैं. ऐसे में किसी भी तस्वीर या स्मृति का आंखों में कैद होना बिल्कुल असंभव है.
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बदला लेने जैसी भावनाएँ पूरी तरह इंसानी समाज से जुड़ी हैं. सांप सिर्फ इंस्टिक्ट के आधार पर व्यवहार करते हैं. उनमें न तो भावनाएँ होती हैं और न ही प्रतिशोध लेने जैसी क्षमता..
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सांपों की याददाश्त सीमित होती है. वे गंध और स्थान पहचान सकते हैं और अपने बिल या शिकार के क्षेत्र को याद रखते हैं, लेकिन यह स्मृति बहुत साधारण और कुछ वक़्त के लिए होती है.
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