06 Mar 2025
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अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आपने छोले कुलचे जरूर खाए होंगे. यहां कई लोग छोले कुलचे का बिजनेस करते हैं.
लेकिन आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान कैम्ब्रिज से ग्रेजुएशन और बैंक में नौकरी मिलने के बाद जॉब छोड़कर छोले-कुलचे का बिजनेस शुरू कर दे.
कैम्ब्रिज से ग्रेजुएशन करने वाले एक व्यक्ति ने अपनी उच्च वेतन वाली बैंकिंग नौकरी छोड़कर दिल्ली में छोले कुलचे बेचने वाली मशीन का आविष्कार किया है.
कैम्ब्रिज से ग्रेजुएट और पूर्व बैंकर सागर मल्होत्रा ने भारत की पहली छोले कुलचे वेंडिंग मशीन का आविष्कार किया है, जो सिर्फ एक मिनट में डिश की स्वच्छ और अनुकूलित प्लेटें परोसती है.
बैंकिंग क्षेत्र में एक दशक से ज़्यादा समय बिताने के बाद, मल्होत्रा ने खाने के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने का फ़ैसला किया. उन्होंने दिल्ली के राजौरी गार्डन में अपना पहला आउटलेट, चख दे छोले, खोला है.
मल्होत्रा ने बताया कि बैंकिंग क्षेत्र में मेरा एक सेटल करियर था. लेकिन, मैं हमेशा अपने लिए कुछ करना चाहता था. मैं पढ़ाई करने के लिए कैम्ब्रिज गया, एक अच्छी नौकरी की, लेकिन अंदर ही अंदर मैं कुछ अलग करना चाहता था.
छोले कुलचे के शौकीन मल्होत्रा अक्सर सड़क किनारे की दुकानों में साफ-सफाई और नियमितता की कमी से परेशान रहते थे. तभी उनके दिमाग में वेंडिंग मशीन के जरिए इस प्रक्रिया को शुरू करने का विचार आया.
पारंपरिक तैयारी विधियों पर निर्भर रहने के बजाय, उन्होंने एक कस्टम मशीन बनाई जो एक बटन दबाने पर छोले में कई प्रकार के मसाले डालती है और यह मशीन सिर्फ 60 सेकंड में छोले की एक ताज़ा प्लेट तैयार कर देती है.
इस मशीन को बनाने में उन्हें एक साल का समय लगा और इस बिजनेस को आगे बढ़ाने में उनकी मां ने अहम भूमिका निभाई. कस्टमाइजेबल मसालों के स्तर के अलावा, यह कई तरह की ब्रेड भी उपलब्ध कराती है, जिसमें साबुत गेहूं और पारंपरिक मैदा भटूरे शामिल हैं.