06 Apr 2025
Credit: Pexel
कॉरपोरेट कल्चर में नौकरी का जाना ‘नॉर्मल’ है, पर जिसके साथ होता है उसकी जिंदगी कुछ वक्त के लिए ठहर जाती है.
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जिनकी नौकरी जाती है, उनके लिए हर दिन एक जंग बन जाता है-घर का खर्च, बच्चों की फीस और वो डरावना सवाल: अगली नौकरी कब मिलेगी?
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बेंगलुरु बेस्ड स्टार्टअप OkCredit के CEO हर्ष पोखरना ने जब अपनी कंपनी से 70 कर्मचारियों को हटाया तो सोशल मीडिया पर उनकी कहानी तेजी से वायरल हो रही है.
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पोखरना ने एक वायरल LinkedIn पोस्ट में लिखा –-18 महीने पहले हमने 70 लोगों को निकाला. वजह थी – तेजी से हायरिंग और खर्च का कंट्रोल न रहना. यह हमारी गलती थी, और हमने इसे स्वीकार किया.
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पोखरना ने बताया कि उन्होंने हर एक कर्मचारी से खुद बात की, उन्हें फैसले की वजह समझाई और वादा किया कि कंपनी उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगी.
Credit-Harsh Pokharna
पोखरना ने बताया कि उन्होंने हर एक कर्मचारी से खुद बात की, उन्हें फैसले की वजह समझाई और वादा किया कि कंपनी उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगी.
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OkCredit ने सभी कर्मचारियों को 3 महीने की नोटिस दी, और एक्टिव तरीके से उन्हें दूसरी कंपनियों में रेफर किया.
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नतीजा—70 में से 67 लोगों को नोटिस खत्म होने से पहले ही नई नौकरी मिल गई बाकी बचे 3 कर्मचारियों को दो महीने की अतिरिक्त सैलरी दी गई ताकि वे आर्थिक तौर पर स्ट्रगल न करें.
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पोखरना ने मौजूदा समय की बेरहमी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने लिखा कि आज हजारों लोगों को निकाला जा रहा है, बिना कॉल, बिना इंसानियत. अगर हायरिंग के वक्त फैमिली बोलते हो, तो बाहर निकालते समय भी वैसा ट्रीटमेंट दो.
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पोस्ट वायरल होने के बाद लोगों ने उनकी तारीफों के पुल बांध दिए. एक यूजर ने लिखा-इस तरह जिम्मेदारी लेना और इंसानियत दिखाना असली लीडरशिप है. वहीं किसी ने कहा ऐसे बॉस हर जगह हों!
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