10 June 2025
Credit: Meta
स्कूल, कॉलेज या ऑफिस...बीमार होने पर हम अक्सर छुट्टियां लेते हैं. लेकिन, कई बार हमें गैर जरूरी छुट्टी लेने से मना भी किया जाता है.
लेकिन, फिर भी अगर कोई पर्सनल प्रॉब्लम या मेडिकल प्रॉब्लम हो तो हमें आसानी से छुट्टी मिल जाती है, उसके लिए कोई जांच पड़ताल नहीं की जाती है.
कई महिलाओं को पीरियड के दौरान काफी ज्यादा समस्या होती है, ऐसे में वे स्कूल, कॉलेज और ऑफिस से छुट्टी लेकर घर पर आराम करना चाहती हैं.
ऐसे में उन्हें छुट्टी भी मिल जाती है, ताकि उन्हें कोई समस्या न हो. लेकिन चीन के एक यूनिवर्सिटी में हुयी घटना को सुनकर आप चौंक जाएंगे.
चीन की एक यूनिवर्सिटी Gengdan Institute of Beijing University of Technology में पीरियड्स के दौरान छुट्टी मांगने पर एक छात्रा को ट्राउजर उतारकर दिखाने को कहा गया.
ये सुनते ही छात्रा सदमे में आ गई. उसने अपने कॉलेज के मेडिकल स्टाफ से कहा कि क्या सच में वो अपनी पैंट उतारकर यह साबित करे कि वास्तव में उसे पीरियड हो रहे हैं, तब ही छुट्टी मिलेगी.
यह मामला चीन की अलग-अलग सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल हो चुका है और लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं.
15 मई को एक छात्रा ने ऑनलाइन एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें बताया गया कि जब उसने मेडिकल छुट्टी मांगी तो उसे अपने पीरियड्स को प्रूफ करने के लिए कैंपस क्लिनिक में ट्राउजर उतारने को कहा गया.
वीडियो में छात्रा कहती हुई सुनाई दे रही थी कि तो आप यह कहना चाह रहे हैं कि पीरियड्स के दौरान हर महिला को छुट्टी लेने के लिए अपना ट्राउजर उतारकर आपको दिखाना पड़ता है?"
क्लिनिक में मौजूद एक महिला कर्मचारी ने जवाब दिया, "मूल रूप से, हां. यह मेरा व्यक्तिगत नियम नहीं है, यह इस कॉलेज का नियम है.
जब छात्रा ने इसे लिखित दस्तावेज की मांग की, तो कर्मचारी ने इनकार कर दिया और इसके बजाय उसे औपचारिक प्रमाणीकरण के लिए अस्पताल जाने की सलाह दी.
हालांकि, वीडियो और स्कूल के बयान को हटा दिया गया है, लेकिन स्क्रीनशॉट और क्लिप ऑनलाइन दिखते हैं.
16 मई के अपने बयान में, गेंगदान इंस्टीट्यूट ने कथित तौर पर कहा कि ऑनलाइन प्रसारित होने वाले घटना के वीडियो को "Disort" किया गया था - और संस्थान को उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार था जिन्होंने "दुर्भावनापूर्ण तरीके से झूठे वीडियो फैलाए".
बयान में यह भी कहा गया है कि स्टाफ ने उचित प्रक्रिया का पालन किया था, जैसे कि "छात्र की अनुमति मिलने के बाद के बाद ही आगे की प्रक्रिया करना और उन्होंने उपकरण का उपयोग नहीं किया या शारीरिक परीक्षण नहीं किया.
आपको बता दें कि करीब चार साल पहले चीन में छात्रों ने युवा महिलाओं को पीरियड्स के दौरान शर्मिंदा करने की प्रथा को समाप्त करने के प्रयास में देश भर के यूनिवर्सिटी में मुफ्त सैनिटरी पैड डिस्पेंसर लगाने का कार्यक्रम शुरू किया था.
स्टैंड बाय हर नाम के समूह द्वारा सोशल मीडिया पर अभियान चलाने के बाद लगभग 250 परिसरों में "सैनिटरी पैड सपोर्ट बॉक्स" स्थापित किए गए थे. पीरियड्स सपोर्ट बॉक्स से लेने वालों को बाद में इसका स्टॉक फिर से भरने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था.