गुमनामी से सफलता तक... बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी जिंदगी पर क्या कहा?

गुमनामी से सफलता तक... बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी जिंदगी पर क्या कहा?

Credit- Social Media

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में लाखों की संख्या में लोग जुटते हैं. घर घर में अब लोग उन्हें जानने लगे हैं.

ऐसा दावा है कि वो पर्चे पर लोगों की समस्या और उपाय दोनों बता देते हैं. उनके प्रति लोगों की दीवानगी किसी से छिपी नहीं है. 

आज तक ने एक इंटरव्यू उनसे उनकी जिंदगी को लेकर सवाल पूछा. जिसका जवाब उन्होंने बड़ी सटीकता से दिया.

उसने पूछा गया, 'आपके जीवन को अगर तीन भागों में बांटें, पहला भाग, जब आप गुमनामी के दौर में थे, दरिद्रता. दूसरा भाग जब आपको आंशिक रूप से सफलता मिली और तीसरा भाग सबसे सफल है.'

उनसे कहा गया कि आप इस वक्त एक तारे की तरह चमक रहे हैं. इस पर धीरेंद्र ने कहा कि शुरू से लेकर जीवन में अभी तक के लक्षय तक गुरू कृपा और हनुमान जी की कृपा है.

उन्होंने कहा, उन सबका श्रेय बागेश्वर हनुमान जी और हमारे दादा गुरू जी को जाता है. यूं कहें कि उन्होंने निमित मात्र हमें चुना है. 

धीरेंद्र ने कहा कि वो सनातन के लिए हमसे कुछ करवाना चाहते हैं. तो कर भी वो रहे हैं, बोल भी वो रहे हैं, बस करने वाले निमित हम दिखाई पड़ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पहले शायद हम सिर्फ अपने लिए मांगते थे इसलिए सीमित थे. अब पूरे विश्व, राष्ट्र और सनातन हिंदुओं के लिए मांग रहे हैं इसलिए लगता है कि शायद असीमित हो गए.

धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि हम ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं, लेकिन इतने पढ़े लिखे हैं कि अपना काम चला लें.