वॉर्निंग! मरे हुए लोगों को 'जिंदा' कर हो सकती है धोखाधड़ी, शॉकिंग खुलासा

वॉर्निंग! मरे हुए लोगों को 'जिंदा' कर हो सकती है धोखाधड़ी, शॉकिंग खुलासा

Credit- Getty Images, Pexels, Pixabay

टेक्नोलॉजी और उसकी मदद से होने वाली धोखाधड़ी के मामले जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं, उससे हर कोई हैरत में है.

लोगों को लूटने के लिए ऐसे तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनके बारे में किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. अब विशेषज्ञों ने एक ऐसी बात बताई है, जो बेहद चौंकाने वाली है.

इन्होंने बताया कि मृतकों को जिंदा करने के लिए बाकायदा AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद ली जा सकती है. AI के जरिए 'ghostbots' की तादाद तेजी से बढ़ सकती है. 

इसमें मरे हुए लोगों को डिजीटली जीवित किया जा सकता है. फिर इसके जरिए ऑनलाइन लोगों को डराकर उनके साथ धोखाधड़ी की जा सकती है.

डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, शोक संतप्त परिवारों को डराने और ऑनलाइन घोटाले करने के लिए उनसे जुड़े उन लोगों को जीवित किया जा सकता है, जिनकी मौत हो गई है. 

ऐसा ऑनलाइन हो सकता है. इसे ghostbots नाम दिया गया है. ghostbots टेक्नोलॉजी से बनाया जा सकता है, जिसमें चैटबॉट, डीपफेक (AI द्वारा जेनरेट किए गए नकली वीडियो) या होलोग्राफ शामिल हैं. 

जो सोशल मीडिया से डाटा का इस्तेमाल कर मृत व्यक्ति की आवाज, चेहरे और यहां तक ​​कि व्यक्तित्व की नकल कर सकते हैं. 

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ब्रिटेन में डाटा संरक्षण कानून कम हैं, जिससे ये चीज बड़ी समस्या बन सकती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि ghostbots किसी को शारीरिक हानि नहीं पहुंचा सकते लेकिन ये अपनों को खोने के बाद शोक मना रहे परिवारों को भावुक और आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं. 

इस बात का डर है कि लोग कान्ये वेस्ट को कॉपी कर सकते हैं. जिन्होंने अपनी पूर्व पत्नी किम के दिवंगत पिता रॉबर्ट कार्दिशियन का होलोग्राम बनवाया है. 

विशेषज्ञों को डर है कि इस तरह की तकनीक का गलत इस्तेमाल हो सकता है. कान्ये ने साल 2020 में किम को ये होलोग्राम दिया था. ये दिखने और सुनने में उनके दिवंगत पिता के जैसा ही था.

क्वींस यूनिवर्सिटी बेलफास्ट के एस्टन लॉ स्कूल और न्यूकैसल यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल के गवर्निंग घोस्टबॉट्स नामक एक शोध के अनुसार, वसीयत या कॉन्ट्रैक्ट में 'ghostbots' और 'मुझे बॉट मत करो' सेक्शन के बारे में जानकारी लोगों को बिना अनुमति डिजिटली पुनर्जन्म लेने से रोक सकती है.

क्वींस बेलफास्ट यूनिवर्सिटी की मारिया मकवे ने कहा, 'घोस्टबॉट्स 'गोपनीयता और संपत्ति जैसे कानून के कई अलग-अलग क्षेत्रों में आता है लेकिन फिर भी मृतक के व्यक्तित्व, प्राइवेसी या मौत की गरिमा को लेकर सुरक्षा की कमी बनी हुई है.'