19 Apr 2025
Credit: Lallantop
आर्यन बांगड़ अब अनाया बांगड़ के नाम से अपनी असली पहचान के साथ सामने आ चुकी हैं. इस पहचान तक पहुंचने के लिए उन्हें कई सामाजिक और निजी संघर्षों से गुजरना पड़ा.
अनाया को अपनी पहचान के लिए न सिर्फ ट्रोल्स और ट्रांसफोबिक कमेंट्स का सामना करना पड़ा, बल्कि उन्हें अपना उभरता हुआ क्रिकेट करियर भी छोड़ना पड़ा था.
Credit-@anayabangar
'लल्लनटॉप बैठकी' इंटरव्यू में अनाया ने पहली बार अपने ट्रांजिशन, दर्द, समाज के रवैये और सालों से छिपाई जा रही अपनी सच्चाई को खुलकर साझा किया.
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उन्होंने बताया कि ट्रांस महिलाओं को अक्सर फैंटसाइज किया जाता है और उन्हें समाज में बराबरी का सम्मान नहीं मिल पाता, जबकि वे भी इंसान हैं और इज्जत की हकदार हैं.
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इस बैठकी में उन्होंने ये भी बताया कि इस दौरान बॉडी में क्या-क्या चेंज आता है.डॉक्टरों के अनुसार, जेंडर चेंज की प्रक्रिया की शुरुआत हॉर्मोनल थेरेपी से होती है, जिसमें शरीर में जरूरी हार्मोन दवाओं के ज़रिए पहुंचाए जाते हैं.
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जैसे-जैसे हार्मोन का असर शुरू होता है, वैसे-वैसे जेंडर से जुड़े शारीरिक बदलाव दिखने लगते हैं, और उसके बाद सर्जरी की ज़रूरत सामने आती है.
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अनाया बताती हैं कि ट्रांजिशन के दौरान ब्रेस्ट डेवलपमेंट शुरू होता है, चेहरा गोल और सॉफ्ट हो जाता है, यह सब एस्ट्रोजन बढ़ने और टेस्टोस्टेरोन घटने के कारण होता है.
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चेहरे पर दाढ़ी जैसे बाल कम हो जाते हैं लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं होते। इसके लिए लेज़र हेयर रिमूवल की ज़रूरत होती है, जिससे चेहरा और फेमिनिन नजर आता है.
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वह बताती हैं इस बदलाव से पहले मैं आइने में खुद को देखती थी और महसूस करती थी कि ये लड़के का शरीर है, जो मेरा नहीं है दिमाग कुछ और चाहता था, शरीर अलग दिखता था. इसे ही'जेंडर डिस्फोरिया'कहते हैं.