डेटा रिकॉर्डर क्या है, जिसमें छुपे हैं विमान हादसे का रहस्य

23 June 2025

गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान AI-171 गुरुवार (13 जून) को टेक-ऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गया.

इस हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई है. इस फ्लाइट में कुल 242 लोग सवार थे.

आपको बता दें कि किसी भी प्लेन हादसे के बाद सबसे पहले ब्लैक बॉक्स को खोजा जाता है.

किसी भी प्लेन में ब्लैक बॉक्स जहाज के पिछले हिस्से में लगा एक इंस्ट्रूमेंट होता है, इसे डेटा रिकॉर्डर या कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर भी कहते हैं.

फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर में फ्लाइट से जुड़े तथ्य दर्ज होते हैं. इसमें डेटा रिकॉर्ड होता है कि हादसे के वक्त विमान के अंदर का तापमान कितना था और ये कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा था.

फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर में ये साफ पता लग जाता है कि हादसे से ठीक पहले विमान की हालत क्या थी? अचानक क्या गड़बड़ी हुई? और पायलट विमान की हालत को लेकर क्या बातें कर रहे थे?

इस डेटा रिकॉर्डर की मदद से पता लगता है कि हादसे से ठीक पहले प्लेन की हालत क्या थी.  ब्लैक बॉक्स को इस तरीके से बनाया जाता है कि उसमें से हमेशा आवाज और तरंगे निकलते रहती है. 

ये किसी भी तापमान में खराब नहीं होता, हादसे के बाद अगर यह डिवाइस कीचड़, झाड़ियों ये धूल मिट्टी या पानी में कहीं भी गिरा हो आसानी से नजर आ जाता है.

प्लेन में मौजूद पायलट, कॉकपिट, टावर से कम्युनिकेशन और पैसेंजर अनाउंसर हर तरह की आवाजें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड होती हैं.  कई बार फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की मदद से हादसे की वजह पता लग पाया है.