एक 16 साल की लड़की को आज से करीब 1400 साल पहले उसकी मौत के बाद दफना दिया गया था. वो दिखने में कैसी थी पता चल गया है.
इन लोगों को ब्रिटेन के उस समय के सबसे पहले ईसाई और रॉयल माना जाता है. लड़की के अवशेष कैंब्रिज में साल 2012 में मिले थे. जो 7वीं सदी के आखिर के माने जा रहे हैं.
अब उसके चेहरे को रीकन्सट्रक्ट किया गया है. इससे पता चल रहा है कि वो तब कैसी दिखा करती थी. इसके लिए उसकी खोपड़ी के साइज, टिशू डाटा का सहारा लिया गया.
चेहरे को रीकन्सट्रक्ट करने का काम फॉरेंसिक आर्टिस्ट हियू मॉरिसन ने किया है. हालांकि उन्होंने कहा कि बिना डीएनए विशलेषण के लड़की की आंखों और बालों के रंग को नहीं जान सके.
उन्होंने कहा, 'उसके चेहरे को विकसित होता देखना दिलचस्प है. उसकी बाईं आंख हल्की से नीचे है, दाईं आंख से करीब आधा सेंटिमीटर तक कम.'
लड़की के दांतों और हड्डियों का विश्लेषण करने पर पता चला कि वो जर्मनी के पहाड़ी क्षेत्र से इंग्लैंड की समतल जमीन पर आई होगी. उस वक्त उसकी उम्र 7 साल के करीब थी.
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पीएचडी रिसर्च के दौरान जैव पुरातत्वविदों डॉ सैम लेगेट और डॉ एलिस रोज और पुरातत्वविद् डॉ एम्मा ब्राउनली ने इस पर काफी काम किया है.
मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, इन्हें पता चला कि जब ये लड़की इंग्लैंड आई, तो उसकी डायट में प्रोटीन की मात्रा कम होने लगी थी. ये बदलाव उसके अंतिम दिनों में हुए थे.
उसके भोजन में भी काफी परिवर्तन हुआ था. इससे मालूम होता है कि कैंब्रिज के पास उसके रहने और दफनाने के बीच का समय काफी कम था.
इससे पिछले विश्लेषणों में पता चला था कि लड़की किसी बीमारी का शिकार हो गई थी. लेकिन उसकी मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है.
उसके जब दफनाया गया, तो साथ में क्रॉस पहनाकर लकड़ी के पलंग पर लिटाया गया, यहां सोने के पिन और अच्छे कपड़े भी मिले हैं.
दो और महिलाओं के बेड पर लेटे शव मिले हैं, जिनका विश्लेषण करके पता चला है कि उन्हें भी इसी समय के दौरान कैंब्रिज में दफनाया गया था.
इससे पता चलता है कि ये महिलाएं अमीर घरों से थीं. जो यूरोप की मुख्य भूमी, सबसे ज्यादा लोग जर्मनी से आए थे. ये वक्त 7वीं सदी का था. लेकिन अब भी एक रहस्य ही है.