By: Aajtak.in
वायरस... इस शब्द से अब लोग परिचित हो चुके हैं. पहले ये साइंस और कंप्यूटर तक सीमित था, लेकिन कोरोना के बाद इस टर्म के बारे में सभी लोग अच्छे से समझते हैं.
फिलहाल हम किसी बीमारी वाले वायरस की बात नहीं कर रहे हैं. बल्कि चर्चा हो रही है दुनिया के पहले कंप्यूटर वायरस की. इसके क्रिएशन की वजह की.
दुनिया का पहला कंप्यूटर वायरस The Creeper Program है, जिसे Bob Thomas ने 1971 में लिखा था. लिखा था से हमारा मतलब इसके क्रिएशन से है.
कंप्यूटर के भाषा में कोई भी क्रिएशन कोडिंग से होता है. इस वायरस को Bob ने BBN में काम करते हुए लिखा था, जो अब Raytheon BBN Technologies के नाम से जानी जाती है.
इसे क्रिएट करने की वजह एक सिक्योरिटी टेस्ट था. दरअसल, इसे सेल्फ-रिप्लिकेटिंग (खुद से कॉपी बनाने वाले) प्रोग्राम की पॉसिबिलिटी चेक करने के लिए तैयार किया गया था.
इस प्रोग्राम में कोई खतरा नहीं था या फिर इसका इरादा किसी तरह का नुकसान पहुंचाना नहीं था. हालांकि, ये वायरस DEC PDP-10 मेनफ्रेम कंप्यूटर्स को करप्ट करता था.
इसके बाद यूजर्स की स्क्रीन पर I’m the creeper, catch me if you can! का मैसेज दिखता था. हालांकि, इस वायरस में कुछ भी खतरनाक नहीं था.
इस वायरस को क्रिएट करते हुए Bob Thomas एक ऐसा प्रोग्राम बना रहे थे, जो एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में फैल सकता था. इस वायरस को रोकने के लिए Reaper को बनाया गया, जो पहला एंटी वायरस था.
ये वायरस ARPANET पर काम करने के लिए बनाया गया था, जो इंटरनेट का शुरुआती रूप था. इसे US डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस ने इस्टैबलिश किया था.