जानिए इसकी बड़ी वजह
Apple हर साल सितंबर में अपनी लेटेस्ट iPhone सीरीज पर से पर्दा उठाती है. लॉन्चिंग के साथ ही इन फोन की कीमत को लेकर अलग-अलग मीम्स तैयार होते हैं. आज हम बताने जा रहे हैं कि एंड्रॉयड की तुलना में iPhone क्यों महंगे होते हैं.
Apple के iPhone की स्पीड लंबे समय बरकरार रहती है. दरअसल, Apple अपने हैंडसेट के लिए A-series chips की चिपसेट यूज़ करता है, जो कंपनी की इनहाउस चिपसेट है.
एंड्रॉयड फोन पुराने होने के साथ स्लो होने लगते हैं. दरअसल, एंड्रॉयड का कितना भी महंगा फोन ले लें, शुरुआत में उसमें अच्छी स्पीड मिलती है, उसके बाद वह स्लो होने लगता है.
एंड्रॉयड स्मार्टफोन की तुलना में Apple के iPhone ज्यादा सुरक्षित होते हैं. उनके हैक होने का भी खतरा काफी कम होता है. कई यूजर्स आईफोन को सिक्योरिटी के लिहाज से भी चुनते हैं.
Google play स्टोर पर कई ऐप्स ऐसे भी हैं, जो एंड्रॉयड स्मार्टफोन में मैलवेयर पहुंचाने का काम करते हैं. इससे बैंक अकाउंट तक खाली हो सकता है.
एंड्रॉयड फोन की तुलना में iPhone के कैमरा सेंसर का रिजल्ट ज्यादा बेहतर है. कंपनी ने बीते साल iPhone 14 Pro सीरीज में पहली बार 48 MP का कैमरा दिया, जो बहुत अच्छी इमेज क्वालिटी देता है.
एंड्रॉयड स्मार्टफोन में 200MP तक का कैमरा देखा जा सकता है. Redmi, Realme और Samsung अपना 200MP कैमरे वाला हैंडसेट लॉन्च कर चुके हैं.
iPhone को बनाने में खास तरह का मैटेरियल इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही iPhone का डिजाइन भी एंड्रॉयड फोन की तुलना में अलग और अनोखा होता है.साथ ही इसकी बॉडी कई मैटेरियल को मिक्स करके तैयार होती है.
कई एंड्रॉयड स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर फोन बनाने के लिए कवर के रूप में प्लास्टिक बॉडी का इस्तेमाल करते हैं, जो उसकी ड्यूरेबिलिटी को कम करता है.
Apple अपने प्रोडक्ट को तैयार करने से पहले उसके रिसर्च में काफी रुपये खर्च करते हैं. ऐसे में iPhone की कॉस्ट ज्यादा पड़ती है. जबकि कई एंड्रॉयड मैन्युफैक्चरर रिसर्च में ज्यादा खर्चा नहीं करते हैं.