14 Mar 2024
एक छोटा सा सॉफ़्टवेयर या ऐप जो आपकी ज़िंदगी तबाह कर सकता है. आपने कई तरह के मैलवेयर और वायरस के बारे में सुना होगा. ऐसे ही एक स्पाईवेयर की हम बात कर रहे हैं.
हम बात कर रहे हैं Keyloggers की. कीलॉगर या फिर की-स्ट्रोक लॉगर के नाम से ही आप इसका काम समझ सकते हैं. इसका इस्तेमाल क्रिमिनल्स करते हैं.
इसे ऐसा समझिए कि अगर आपके फोन में Keylogger इंस्टॉल हो जाता है, तो ये कई तरह से आपके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. ये टूल बहुत कुछ रिकॉर्ड कर सकता है.
Keylogger फोन की तमाम ऐक्टिविटीज को रिकॉर्ड करता है. ये फोन की स्क्रीन से लेकर कॉल रिकॉर्डिंग, सोशल मीडिया मैसेज और कैमरा तक को ऐक्सेस कर सकता है.
Keylogger के पास आपके फोन के फ़्रंट और बैक कैमरे का पूरा ऐक्सेस होता है और ये आपको लगातार रिकॉर्ड कर सकता है. आपके फोन का तमाम डेटा साइबर क्रिमिनल्स को रिमोटली भेजता रहता है.
फोन में Keylogger कई तरह से आ सकते हैं. ईमेल अटैचमेंट्स से लेकर मैसेजिंग ऐप के ज़रिए कीलॉगर आपके फोन में इंप्लांट किया जा सकता है.
कई बार सपोर्ट के नाम पर स्कैमर्स आपके फोन में पहले रिमोट ऐप इंस्टॉल करते हैं. फोन या लैपटॉप में इन्हें कहीं से भी इस्टॉल किया जा सकता है.
सबसे ख़तरनाक ये है कि आप फोन या लैपटॉप पर कीलॉगर ऐप को आसानी से डिटेक्ट नहीं कर सकते हैं. इन्हें हैकर्स सिस्टम फाइल में डाल देते हैं. इसे हटाने के लिए डिवाइस को फ़ैक्ट्री रिसेट करना होगा.
ईमेल अटैचमेंट को ध्यान से डाउनलोड करें. एंड्रॉयड यूज़र्स पर इसका ख़तरा ज़्यादा होता है. बेहतर होगा कि आप एंड्रॉयड की सेटिंग्स में जा कर थर्ड पार्टी ऐप्स इंस्टॉलेशन को ऑफ कर दें.