14 Oct 2024
Credit: AI Image
साइबर फ्रॉड के आए दिन नए-नए स्कैम सामने आ रहे हैं, जहां विक्टिम को बड़ी ही चालाकी से शिकार बनाया जाता है. इस दौरान उन्हें डराया और धमकाया जाता है.
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आज यहां आपको डिजिटल अरेस्ट स्कैम के बारे में बताने जा रहे हैं. यहां आपको डिटेल्स में बताते हैं कि साइबर स्कैमर्स इसमें कैसे फंसाते हैं.
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यहां वे विक्टिम को डराते और धमकाते हैं. वे कई बार सबकुछ जानते हुए गलती कर जाते हैं. इसके बाद विक्टिम का बैंक अकाउंट तक खाली हो जाता है.
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साइबर ठगी की शुरुआत एक अनजान कॉल से होती है. इसके बाद वे फेक पार्सल या फिर नंबर बंद होने की बात कहते हैं. इसके बाद कहानी आगे बढ़ती है.
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इसके बाद स्कैमर्स पुलिस वाले या फिर CBI आदि का नाम इस्तेमाल करके कॉल करते हैं. कई बार वीडियो कॉल भी आती है.
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इसके बाद मामला लाखों करोड़ों रुपये की मनी लाउंड्रिंग और ड्रग्स तक पहुंच जाता है. इसके बाद वे मुंबई या किसी दूर शहर में आने को कहते हैं.
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इसके बाद विक्टिम से कहा जाता है कि इसमें कई बड़े लोगों के नाम भी शामिल हैं. इसलिए हम आपको डिजिटली अरेस्ट कर रहे हैं. इसके बारे में आप किसी को नहीं बता सकती हैं.
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इसके बाद विक्टिम से कई घंटे तक पूंछताछ आदि चलती है. इसके बाद उसे वीडियो कॉल पर ही रहने को कहते हैं.
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इसके बाद विक्टिम को डराया और धमकाया जाता है. इसके बाद बैंक डिटेल्स आदि मांगी जाती है. इसके बाद बड़ी चालाकी से बैंक अकाउंट में सेंधमारी करते हैं.
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एक बार रुपये ट्रांसफर करने के बाद वे कम्युनिकेशन को बंद कर देते हैं. इसके बाद आप कई कोशिश करेंगे, उसके बाद भी कॉन्टैक्ट नहीं कर पाएंगे.
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इसके लिए जरूरी है कि आप ऐसी किसी भी कॉल या मैसेज के आने पर घबराएं नहीं. इस दौरान किसी के साथ बैंक डिटेल्स, वीडियो कॉल या लिंक आदि पर क्लिक ना करें.
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ऐसे में मामले में आप तुरंत पुलिस की मदद ले सकते हैं. इसके लिए आप साइबर सेल या फिर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in/) पर रिपोर्ट कर सकते हैं.
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