सावधान! कहीं आप ना हो जाएं Call Spoofing Scam के शिकार, ना करें ये गलती 

25 Oct 2024

Credit: AI Image 

कॉल स्पूफिंग, साइबर ठगी करने का एक तरीका है. इसका इस्तेमाल करके साइबर ठग भोले-भाले लोगों को धोखा देते हैं.

कॉल स्पूफिंग से संभलकर 

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कॉल स्पूफिंग में कॉल रिसीवर को ऐसा लगता है कि वह किसी वैलिड नंबर या किसी दोस्त, रिश्तेदार और परिजन के मोबाइल नंबर के जैसा नंबर हो सकता है. 

क्या है कॉल स्पूफिंग?

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असल में कॉल करने वाला अपने असली फोन नंबर को छिपाकर एक नकली (स्पूफ्ड) नंबर दिखाता है. इसकी मदद से कॉल रिसीवर को धोखा देने की कोशिश करते हैं. 

नकली नंबर दिखाते हैं 

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कॉलर आईडी स्पूफिंग के एग्जाम्पल की बात करें तो बैंक या सरकारी एजेंसी के नाम पर कॉल करके लोगों को धोखा दिया जा सकता है. 

बैंक और कंपनी का नाम 

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इस स्पूफिंग कॉल की मदद से साइबर क्रिमिनल्स आसानी ने किसी भी शख्स की बैंक डिटेल्स और अन्य सेंसटिव डिटेल्स को मांग सकते हैं. 

चोरी हो सकती हैं सेंसटिव डिटेल्स 

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कॉल स्पूफिंग की मदद से साइबर ठग किसी पिरिचित या दोस्त से मिलते जुलते नंबर से कॉल करके आपको इमरजेंसी के बारे में बताएगा और रुपये ठग सकता है. 

दोस्त या परिचित बनकर कॉल

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इसके लिए आप किसी भी कॉल्स या मिलते जुलते नंबर पर आंख बंद करके यकीन नहीं कर सकते हैं. खासकर तब जब कोई आपसे बैंक डिटेल्स संबंधित डिटेल्स मांगता है. 

कॉल स्पूफिंग से कैसे बचें? 

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अगर कोई आपके बैंक या किसी कंपनी का नाम लेकर आपकी बैंक डिटेल्स, OTP या किसी लिंक पर क्लिक करने को कहता है, तो पहले उसे किसी अन्य फोन से कॉल करके कंफर्म करें.

हमेशा कंफर्म करें 

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कॉल स्पूफिंग या अन्य किसी साइबर ठगी से खुद को बचाने के लिए जरूरी है कि  वन टाइम पासवर्ड (OTP ) शेयर ना करें.

किसी को ना दें OTP

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