04 June 2024
AC में आग लगने की घटना के बाद से ही कई लोगों को चिंता सताने लगी है कि कहीं उनके AC में भी आग ना लग जाए या फिर वह अचानक काम करना बंद ना कर दें. आइए AC फेल और आग लगने की वजह जानते हैं.
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AC को बिना रुके लगातार इस्तेमाल करते हैं, तो इससे कंप्रेसर पर लोड बढ़ता है और अन्य कंपोनेंट ओवरहीट हो सकते हैं. ऐसे में AC फेल हो सकता है या फिर उसमें आग लग सकती है.
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गर्मियों में इलेक्ट्रिसिटी की डिमांड ज्यादा होती है, ऐसे में वोल्टेज फ्लक्चुएशन की वजह से AC कंपोनेंट डैमेज हो सकते हैं. इतना ही नहीं AC खराब हो सकती है या उसमें आग लग सकती है.
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रेगुलर मेंटेनेंस ना कराने की वजह से AC फिल्टर्स जाम हो जाते हैं, साथ ही कॉइल भी गंदी हो जाती है. ऐसे में कूलिंग कैपिसिटी कम हो जाती है. ये भी आग लगने की वजह हो सकती है.
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पुराने AC में खराब होने की संभावना ज्यादा होती है. खासकर हैवी यूज के दौरान, जैसा आजकल का मौसम है. जहां कई इलाकों का टेंप्रेचर 45-48 डिग्री तक पहुंच रहा है.
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AC में Airflow और ब्लॉकेज का ध्यान रखें. Airflow कम होने पर कंपोनेंट को ज्यादा काम करना पड़ेगा, जिसके बाद आग लगने या AC खराब होने की संभावना ज्यादा है.
AC को खराब होने या फिर आग लगने से बचाने के लिए उसकी रेगुलर सर्विस कराएं. साथ ही जरूरत पड़ने पर फिल्टर्स आदि को भी चेंज करा सकते हैं.
AC को इंस्टॉल कराते समय ध्यान रखें कि वह सही जगह लगाई जाए. साथ ही वहां वेंटीलेशन आदि का भी ध्यान रखें, ताकि AC के कंपोनेंट गर्म ना हों.
AC को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि वोल्टेज फ्लक्चुएशन से उसे बचाएं. इसके लिए स्टेबलाइजर को जरूर लगाएं.
AC को यूज करते समय ध्यान रखें कि वह कितने देर से चल रहा है. अगर वह लंबे समय चल रहा है, तो उसे कुछ देर के लिए बंद कर देना चाहिए .
पुराना AC अच्छी कूलिंग नहीं कर रहा है और लगातार उसे मैकेनिक से ठीक कराना पड़ रहा है, तो उसे चेंज करने में समझदारी है. ऐसे AC में आग लगने की संभावना ज्यादा है.
सामान्यतः फॉर्मूला तो यही है कि कोई भी AC बाहर और अंदर के बीच 20 डिग्री के अंतर को ही मैंटेंन कर सकता है. इससे ज्यादा रखने पर ओवरहीट होने का ख़तरा होता है.