स्मार्टफोन और उससी अससेरीज का पोर्टफोलियों काफी विशाल है. कई प्रोडक्ट तो काफी महंगी कीमत में आते हैं. भारत में सेकेंड हैंड गैजेट का मार्केट किसी से छिपा नहीं है.
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में सेकेंड हैंड गैजेट खरीदते हैं, तो आज हम आपको कुछ ऐसे गैजेट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए.
सेकेंड हैंड पावर बैंक आदि खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो यह फैसला गलत साबित हो सकता है. पावर बैंक की एक लाइफ होती है, जिसकी बाद वह अच्छे काम नहीं करता है. बाजार में 700-800 रुपये में पावर बैंक खरीदे जा सकते हैं.
सेकेंड हैंड कैमरा, डोरबेल और स्मार्ट असिस्टेंट प्रोडक्ट खरीदते हैं, तो इसकी वजह से आपको हैकिंग आदि का शिकार होना पड़ सकता है, या फिर आपके वीडियो लीक हो सकते हैं.
कई लोग अपने बच्चे पर हमेशा नजर रखने के लिए बेबी मॉनिटर का यूज़ करते हैं. हालांकि पुराने बेबी मॉनिटर आउटेड सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के साथ आते हैं, जिन्हें खरीदना बेकार है.
इयरबड्स और इयरफोन आमतौर पर धूल-मिट्टी, पानी और पसीने के चतले गंदे हो जाते हैं. ये कई बार साफ करने के बाद भी साफ नहीं होते हैं. डिवाइस का बैटरी बैकअप आदि भी खराब हो जाता है. ऐसे में पुराना डिवाइस खरीदना बेकार है.
बाजार में बहुत से इलेक्ट्रिक टूथब्रश मौजूद हैं, जो 1500 रुपये की कीमत में आते हैं. चंद लोग सस्ते के चक्कर में इलेक्ट्रिक टूथ ब्रश खरीद लेते हैं, तो इससे आपको इंफेक्शन आदि का सामना करना पड़ सकता है.
किसी भी सेकेंड हैंड सामान को खरीदने से पहले ध्यान दें कि बाजार में मौजूदा समय में उसकी कीमत क्या है. ज्यादा अंतर ना होने पर नया प्रोडक्ट खरीदें.
अगर मोबाइल या फिर अन्य कोई गैजेट खरीद रहे हैं, तो ध्यान रखें कि वह बहुत ज्यादा पुराना ना हो. अक्सर पुराने डिवाइस का ऑपरेटिंग सिस्टम भी पुराना होता है.