फोन कॉल्स, मैसेज या फिर अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ढेरों कॉल्स ऐसी आती हैं, जो डोनेशन के नाम पर कई रुपये मांगती है. लेकिन जब ये डोनेशन कोई IPS, IAS और DCP मांगे तब क्या करेंगे?
दरअसल, सरकारी नौकरी में IPS, IAS और DCP के पद काफी सम्मानीय और पावरफुल हैं. ऐसे में अगर कोई IPS, IAS और DCP आपसे डोनेशन मांगे तो शायद आप भी मना नहीं कर पाएंगे.
दरअसल, यह एक प्रकार का साइबर फ्रॉड है, जिसमें कुछ लोग IPS, IAS और DCP के नाम से सोशल मीडिया अकाउंट पर फर्जी अकाउंट्स बनाकर लोगों को ठगने का काम कर रहे थे.
दरअसल, रविवार को पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान रवि सिंह (22) और श्याम कुमार (22) के रूप में हुई है. ये उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के निवासी हैं.
सोशल मीडिया एनालिस्ट के दौरान पता चला कि एक अकाउंट पर IPS officer की फोटो लगाई है. उसने बताया कि वह DCP की पोस्ट पर कार्यरत है.
यह साइबर क्रिमिनल्स सोशल मीडिया अकाउंट्स की मदद से लोगों को ठगने का काम कर रहे थे. इस फर्जी अकाउंट्स से वह लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे थे. इसके लिए वह लोगों से डोनेशन मांगा करते थे.
मनी ट्रेल से पुलिस को आरोपियों की लोकेशन प्रतापगढ़ में मिली. DCP (South) चंदन चौधरी ने कहा कि छापेमारी की गई और दोनों आरोपियों को पकड़ लिया.
पुलिस की पूछताछ के दौरान रवि सिंह ने बताया कि वह सोशल मीडिया पर IPS, IAS और IRS ऑफिसर के फर्जी अकाउंट्स बनाते थे और उनकी फोटो का यूज़ करते थे. ओरिजनल सोशल मीडिया प्रोफाइल से उनका बायो चुरा लेते थे.
पुलिस ने बताया कि वह कैसे लोगों के साथ फ्रॉड करते थे. इसके लिए वह पेशेंट की पिक्चर और QR code को फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पोस्ट करते थे. इसके बाद वह लोगों से डोनेशन मांगा करते थे.
पुलिस ने बताया कि वे लोग दिल्ली और यूपी पुलिस द्वारा पहले भी इसी तरह के केस में गिरफ्तार हो चुके हैं. उनके मोबाइल फोन 8 फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स को रिकवर किया गया है.