1 नवंबर से बदलने जा रहा ये बड़ा नियम, Jio, Airtel और Vi यूजर्स पर पड़ेगा असर

28 Oct 2024

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टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (TRAI) ने टेलीकॉम नियमों में बदलाव करने की जानकारी दी है. ये नया निमम 1 नवंबर से देशभर में लागू होने जा रहा है.

TRAI बदल रहा नियम 

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नए नियम को लागू करने का सबसे बड़ा उद्देश्य आम लोगों को फर्जी कॉल्स और मैसेज को रोकना है. इसके लिए मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम को लागू करने को कहा है. साइबर ठगी से कई लोगों को नुकसान होता है. 

फेक कॉल्स को रोकने मकसद

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नए नियम का नाम मैसेज ट्रेसिबिलिटी है. इसकी मदद से कई यूजर्स को फेक मैसेज और फेक कॉल्स से छुटकारा मिलने की उम्मीद है.

क्या है मैसेज ट्रेसिबिलिटी? 

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TRAI ने अगस्त में सभी टेलिकॉम कंपनियों को निर्देश दिया था और इसकी डेडलाइन 1 नवंबर तय की गई.

1 नवंबर की डेडलाइन 

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टेलिकॉम कंपनियों को TRAI ने अपने निर्देश में कहा था कि टेलिमार्केटिंग मैसेज का एक स्टैंडर्ड फॉर्मेट होना चाहिए. ऐसे में यूजर्स आसानी से फेक और असली मैसेज की पहचान कर सकेगा.  

टेलीमार्केटिंग मैसेज का फॉर्मेट 

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कई स्कैमर्स लोगों को ठगने के इरादे से बैंक, टेलि मार्केटिंग और वित्तीय संस्थान के नाम का इस्तेमाल करते हैं. इसके बाद उनके बैंक खाते में सेंधमारी कर सकते हैं.

साइबर ठगों की चाल 

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TRAI का निर्देश मानकर अगर कंपनियां ये नियम लागू कर देती हैं, तो फेक कॉल्स और फेक मैसेज से छुटकारा मिल जाएगा. 

फेक मैसेज पहचानना आसान

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने इस मामले में TRAI को पत्र लिखा है और मोबाइल ट्रेसिबिलिटी नियम लागू करने के लिए 2 महीने के समय की मांग की है. 

मांगा और समय 

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देश में साइबर ठगी के आए दिन नए-नए केस सुनने को मिल रहे हैं. साइबर ठग बड़ी ही चालाकी से कस्टमर के बैंक खाते में सेंधमारी करते हैं और लाखों रुपये उड़ा लेते हैं. हालांकि कुछ केस में पुलिस ने सफलता भी हासिल की है.

साइबर ठगी के कई मामले 

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