ख़रीदना है तो जान लें ये ज़रूरी बातें
देश में बढ़ते ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड्स को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है. इसके लिए DOT ने नए नियम जारी कर दिए हैं.
चूंकि फ्रॉड्स्टर्स आसानी से फर्जी नाम पर सिम खरीदकर यूज करते हैं. इसलिए पुलिस का उन्हें पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है. इसके लिए DOT ने एक ठोस कदम उठाया है.
सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को अब अपने सभी पॉइंट ऑफ सेल (PoS) को वेरिफाई करना होगा. वेरिफिकेशन के बाद ही PoS सिम कार्ड बेच सकेंगे.
PoS एंटिटी को कई सारे डॉक्यूमेंट्स देने होंगे. इसमें आधार या पासपोर्ट, कॉर्पोरेट आइडेंटिटी या बिजनेस लाइसेंस, काम करने की जगह और दूसरे प्रूफ शामिल होंगे.
नया सिम कार्ड खरीदते वक्त सिर्फ कस्टमर्स को नहीं बल्कि PoS रिप्रेजेंटेटिव को भी बायमैट्रिक्स ऑथेंटिकेशन करना होगा. कुछ राज्यों के लिए DOT ने अलग नियम रखे हैं.
असम, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट लाइसेंस्ड सर्विस एरिया में PoS को पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा. ये वेरिफिकेशन टेलीकॉम ऑपरेटर और PoS एंटिटी के एग्रीमेंट साइन होने से पहले होगा.
दोनों पार्टियों के बीच होने वाले लिखित एग्रीमेंट में कई प्रावधान शामिल होंगे. इसमें नए कस्टमर्स, काम करने के एरिया और उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की जानकारी होगी.
टेलीकॉम ऑपरेटर्स को यह पुष्टि करनी होगी कि उनकी PoS एंटिटी किसी भी थर्ड पार्टी गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल ना हो.
इसके अलावा सभी PoS एंटिटी को एक यूनिक PoS ID दी जाएगी, जिनके पास ये ID होगी वे ही नए कस्टमर्स को सिम दे पाएंगे. ये सभी नियम 10 अक्टूबर से लागू होंगे.