क्या है SIM Swapping fraud? जिससे बचाने के लिए TRAI ने बदला SIM Card का नियम  

18 Mar 2024

SIM Card Rule Change: टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने SIM Card के नियम को लेकर बड़ा बदलाव किया है. TRAI इसकी मदद से साइबर फ्रॉड को रोकना चाहता है.

TRAI ने बदल दिया नियम 

दरअसल, हाल ही में दिनों में SIM स्वैपिंग के कई मामले सामने आए हैं. इसमें स्कैमर्स बड़ी ही चालाकी से लोगों को शिकार बनाते हैं. कई केस में बैंक खाता तक खाली कर देते हैं.

SIM swapping के कई केस 

दरअसल, TRAI ने SIM Swapping होने पर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के नियम को बदल दिया है. SIM Swap होने पर 7 दिनों तक MNP नहीं कराया जा सकेगा. अब सवाल आता है कि सिम स्वैप फ्रॉड है क्या? 

 नहीं कर सकेंगे पोर्ट  

SIM swapping Fraud एक तरह के सिम हाइजैक अटैक है. इस केस में साइबर ठग विक्टिम के SIM कार्ड पर कब्जा कर लेता है और बड़ी आसानी से OTP और कॉल का एक्सेस ले लेते हैं. 

क्या है SIM swapping? 

इस तरह के केस में विक्टिम को भनक तक नहीं लगती है और उसके बैंक अकाउंट से लाखों रुपये उड़ जाते हैं. साइबर ठग, कॉल और मैसेज एक्सेस करके यूजर्स का बैंक अकाउंट तक खाली कर देते हैं. 

विक्टिम को नहीं चलता पता 

सिम स्वैपिंग के लिए साइबर ठग या हैकर्स फेक डॉक्यूमेंट का सहारा लेते हैं. इसके बाद वह ओरिजनल सिम बंद कराकर उसकी जगह दूसरी सिम इशू करा लेते हैं. इससे OTP और कॉल आदि का एक्सेस ले लेता है.

फेक डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल 

SIM swapping अक्सर एडवांस हैकर्स करते हैं. सिम स्वैपिंग के साइन के बारे में बात करें तो मोबाइल से अचानक नेटवर्क गायब हो जाते हैं. साथ ही SIM Not Registerd On Network जैसा कुछ आने लगता है. 

SIM swapping के साइन

SIM swapping से खुद को बचाने के लिए जरूरी है कि हमेशा यूनिक और स्ट्रांग पासवर्ड का इस्तेमाल करें. ऐसे में कोई आपका अकाउंट आदि ओपेन नहीं कर सकेगा. 

SIM swapping से कैसे बचें? 

कई बार अनजान नंबर से आने वाले लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए. ये लिंक साइबर ठगों के हो सकते हैं और इन पर क्लिक करने से आप सिम स्वैप का शिकार हो सकते हैं.  

संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें