पूर्व IPS का Deepfake वीडियो, सेक्सटॉर्शन का जाल... पहली बार स्मार्टफोन खरीदते ही फंसा बुजुर्ग

30 Nov 2023

AI का इस्तेमाल कई गलत कामों में किया जाने लगा है. इससे जुड़ा एक नया मामला गाजियाबाद में देखने को मिला है. जहां ठगों ने डीपफेक वीडियो की मदद से एक बुजुर्ग से हजारों रुपये लूटे हैं. 

डीपफेक वीडियो से की ठगी 

मामला यहां तक पहुंच गया कि बुजुर्ग ने आत्महत्या करने का फैसला किया. पीड़ित की बेटी ने पुलिस शिकायत में इसकी जानकारी दी है. इस मामले में बुजुर्ग ने कई हजार रुपये का फ्रॉड्स को ट्रांसफर किए.

आत्महत्या तक पहुंच गया मामला

पुलिस ने बताया कि 27 नवंबर को इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. ये अपनी तरह का पहला मामला है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी का चेहरा किसी को ठगने के लिए इस्तेमाल किया गया है.

कैसे किया खेल? 

पीड़ित अरविंद शर्मा ने हाल में ही अपना पहला स्मार्टफोन खरीदा था. इसमें उन्होंने फेसबुक अकाउंट बनाया. 4 नवंबर को उन्हें फेसबुक पर एक वीडियो कॉल आई थी. 

पहला स्मार्टफोन खरीदा था

शर्मा ने जब कॉल रिसीव किया तो उन्हें एक नग्न महिला दिखी. उन्होंने तुरंत ही कॉल काट दी. स्कैमर्स ने लिए कुछ सेकेंड की ये कॉल बुजुर्ग को फंसाने के लिए पर्याप्त थी. 

सेक्सटॉर्शन में फंस गए 

वीडियो कॉल के लगभग एक घंटे बाद उन्हें एक वॉट्सऐप कॉल आई, जिसमें एक शख्स पुलिस यूनिफॉर्म में उन्हें धमका रहा था. पीड़ित ने बताया कि पुलिस अधिकारिक लगातार उन्हें पैसे देने के लिए बाध्य कर रहा था. 

पुलिस बनकर किया कॉल

अधिकारी ने कहा कि अगर वे पैसे नहीं देंगे, तो वो इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर देगा. बदनामी से बचने के लिए पीड़ित ने 5000 रुपये दिए गए बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए. 

बदनाम करने की धमकी दी

ये सिलसिला आगे बढ़ते गया. स्कैमर्स ने इसके बाद 10 हजार रुपये और फिर 50 हजार रुपये मांगे और पीड़ित ये सभी पैसे उन्हें ट्रांसफर करते जा रहे थे. 

ट्रांसफर करते रहे पैसे 

पीड़ित की बेटी मोनिका शर्मा ने बताया कि इस दौरान उनके पिता ने कुल 74 हजार रुपये स्कैमर्स को ट्रांसफर किए. जब घर वालों को इस मामले की जानकारी हुई, तो उन्होंने गूगल पर उस अधिकारी के बारे में सर्च किया. 

कैसे हुआ खुलासा? 

स्कैमर्स ने ठगी के लिए पूर्व ADG प्रेम प्रकाश का डीपफेक वीडियो बनाया था. परिवार को इस मामले में शक हुआ, तो उन्होंने गाजियाबाद पुलिस से संपर्क किया. 

पुलिस को दी जानकारी

पुलिस ने बताया कि उन्हें IGRS (इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम) पर शिकायत मिली थी. FIR दर्ज करने से पहले उन्होंने बुजुर्ग से संपर्क भी किया. 

IGRS पर की थी शिकायत

धमकी के लिए इस्तेमाल किए वीडियो को देखने पर पता चला कि उसमें ऑडियो और होंठे के मूवमेंट मैच नहीं कर रहे हैं. हालांकि, बुजुर्ग इस पर ध्यान नहीं दे पाए होंगे. 

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook और WhatsApp की पैरेंट कंपनी Meta से फ्रॉड्स के अकाउंट्स की डिटेल मांगी है. 

मेटा से मांगी है जानकारी 

हाल में डीपफेक वीडियो के मामले पर IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार इसके लिए नियम बनाने पर काम कर रही है. डीपफेक रश्मिका मंदाना के फेक वीडियो के बाद काफी चर्चा में है. 

चर्चा में है डीपफेक