20 घंटे में 9 लाख का चूना, वीडियो कॉल पर पहुंचा दिया 'कोर्ट' 

19 Sep 2024

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मुंबई में रेलवे ऑफिसर के साथ 9 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई. इस केस में साइबर क्रिमिनल्स ने बड़े ही हाईटेक तरीके का इस्तेमाल किया. इस दौरान फेक जज आदि भी आए. ये जानकारी पुलिस ने दी. 

9 लाख रुपये ऐसे ठगे 

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पुलिस के मुताबिक, इस साइबर ठगी की शुरुआत 16 सितंबर की सुबह होती है, जब विक्टिम के पास एक वॉयस मैसेज आता है. मैसेज में बताया जाता है कि आपका मोबाइल नंबर 2 घंटे में ब्लॉक होने जा रहा है. 

16 सितंबर को आई कॉल 

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इस मैसेज में बताया जाता है कि अगर कोई जानकारी चाहते हैं तो 0 प्रेस करें. इसके बाद विक्टिम 0 पर क्लिक कर देते हैं. इसके बाद वीडियो कॉल एक्टिव हो जाती है.

0 पर क्लिक करने को कहा

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इसके बाद सामने वाला व्यक्ति खुद की पहचान CBI ऑफिसर के रूप में बताता है. इसके बाद वह आरोप लगाता है कि विक्टिम का मोबाइल नंबर एक स्कैम में इस्तेमाल हुआ है. 

खुद को CBI ऑफिसर  बताया 

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इसके बाद विक्टिम घबरा जाते हैं और  कहते हैं कि उनका इस केस से कोई कनेक्शन नहीं है. विक्टिम ने आगे बताया कि उनके पास कोई सेकेंड सिम कार्ड भी नहीं है. 

विक्टिम को डराया 

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इसके बाद कॉलर बताता है कि आपका नाम का सिम कार्ड एक बैंक अकाउंट से रजिस्टर्ड है. उस बैंक खाते को 58 लाख के मनी लाउंड्रिंग केस में इस्तेमाल किया है. 

लाखों रुपये की मनी लाउंड्रिंग 

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विक्टिम ऑफिस जा रहे थे लेकिन कॉलर ने उन्हें वापस घर लौटने को कहा. इसके बाद उसने जांच शुरू करने का हवाला दिया. विक्टिम घर लौटे और वीडियो कॉल 2 बजे दोपहर को शुरू हुई.

घर लौटने को कहा

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पुलिस ने बताया, इस वीडियो कॉल के दौरान साइबर ठगों ने उनकी फैमिली की डिटेल्स ली और फैमिली बैकग्राउंड आदि जानने की कोशिश की. इसके साथ ही फाइनेंशियल डिटेल्स मांगी. 

वीडियो कॉल पर मांगी डिटेल्स

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फिर पुलिस ने बताया कि विक्टिम से कहा गया कि अब आपकी ऑनलाइन कोर्ट में पेशी होगी. इस मामले में अब जज फैसला करेंगी. 

फेक ऑनलाइन कोर्ट  

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पुलिस ने बताया, विक्टिम से कॉल को एक्टिव रखने को कहा. इसके बाद विक्टिम की कोर्ट में पेशी हुई. इस दौरान एक व्यक्ति न खुद को जज बताया. 

फेक कोर्ट में पेशी 

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फेक जज ने कहा, हमें कुछ अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शन का पता चला है, जो विक्टिम के बैंक अकाउंट से हुई हैं. इसके बाद विक्टिम से सभी डिटेल्स देने को कहा. 

विक्टिम से मांगी डिटेल्स 

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इसके बाद साइबर ठगों ने विक्टिम को एक बैंक अकाउंट नंबर दिया और उसमें 9 लाख रुपये डिपॉजिट करने को कहा. इसके बाद विक्टिम ने RTGS की मदद से रुपये ट्रांसफर कर दिए. 

9 लाख रुपये मांगे

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इसके बाद विक्टिम को समझ आया कि वे साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं. इसके बाद उन्होंने बैंक मैनेजर से मुलाकात की और उस ट्रांजैक्शन को रोकने को कहा, लेकिन जब तक वह ट्रांजैक्शन हो चुकी थी. 

साइबर ठगी का भंडाफोड़ 

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इसके बाद उन्होंने पुलिस स्टेशन कोलाबा में कंप्लेंट दर्ज कराई. इसके बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. 

दर्ज कराई पुलिस कंप्लेंट 

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