By: Aajtak.in
सब्सक्रिप्शन मॉडल तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं. ट्विटर ने अपने ब्लू टिक को सब्सक्रिप्शन सर्विस में बदल दिया. Meta ने भी ऐसी ही सर्विस का ऐलान कर दिया है.
फेसबुक और इंस्टग्राम पर पैसे देकर यूजर्स को ब्लू टिक मिलेगा. ये तो रही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की बात. दूसरी तरफ OTT की बात करें तो कभी फ्री में Videos दिखाने वाले YouTube पर अब ना जाने कितने ही Ads आते हैं.
ऐसे में यूजर्स को ऐड फ्री एक्सपीरियंस के लिए सब्सक्रिप्शन खरीदना होगा. इसी तरह से आपको ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भी सब्सक्रिप्शन लेना पड़ रहा है.
Flipkart हो या फिर Amazon दोनों ही अपने प्लस व प्राइम मेंबर्स को ज्यादा महत्व देते हैं. ये कहानी तब की है, जब सब्सक्रिप्शन सर्विसेस बहुत ज्यादा पॉपुलर नहीं हैं.
मगर ऐसा हमेशा नहीं रहने वाला है. धीरे-धीरे इंटरनेट पर मौजूद इन सभी सर्विसेस के लिए आपको पैसे देने पड़ेंगे. चाहे किसी आर्टिकल को पढ़ना हो या फिर किसी फोटो को डाउनलोड करना हो.
सभी सर्विसेस के लिए आने वाले दिनों में आपको पेमेंट करनी पड़ सकती है. जरूरी नहीं हमारा ये कयास सच ही साबित हो, लेकिन इसे पूरी तरह से नकारा भी नहीं जा सकता है.
सब्सक्रिप्शन बेस्ड सर्विसेस का चलन निश्चित रूप से बढ़ेगा. अगर OTT प्लेटफॉर्म्स का ही उदाहरण लें, तो हम पिछले कुछ सालों में ऐसा होता हुआ देख सकते हैं.
शुरुआत में बहुत से OTT ऐप्स पर फ्री कंटेंट देखने को मिलता था. फिर उन्होंने कुछ दिनों के फ्री ट्रायल के बाद पेमेंट लेना शुरू कर दिया.
ऐसा ही कुछ भविष्य में इंटरनेट के साथ हो सकता है. अगर आपको ऐड फ्री एक्सपीरियंस चाहिए होगा, तो लगभग हर सर्विस के लिए पेमेंट करनी होगी. या फिर आपको तमाम ऐड्स देखने पड़ेंगे.