By: Aajtak.in
भारत एक ऐसा देश है, जहां UPI सिस्टम काफी लोकप्रिय है. इसका फायदा सिर्फ आम लोगों को ही नहीं बल्कि कई धोखाधड़ी करने वाले भी उठा रहे हैं.
17 मई को मुंबई में रहने वाली महिला को ऑफिस में एक घायल चिड़िया नजर आई. इसके बाद महिला फैसला करती है कि वह उसकी मदद करेगी और उसे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाएगी.
महिला ने गूगल की मदद से NGO से टॉल फ्री नंबर को सर्च किया और उसे कॉन्टैक्ट किया. इसके बाद NGO ने महिला को लिंक शेयर किया. यह जानकारी मुंबई सेंट्रल गवरमेंट रेलवे पुलिस के ऑफिसर ने दी.
महिला को लिंक के रूप में एक फॉर्म मिला, जिसे भरकर सब्मिट करने को कहा गया. साथ ही रजिस्ट्रेशन का 1 रुपये चार्ज भी मांगा. इसके बाद उसके ऑफिस में NGO की तरफ से कोई व्यक्ति नहीं आया.
NGO का फॉर्म सब्मिट करने के करीब 4 दिन बाद, जब महिला मसाड से चर्चगेट तक का सफर तय कर रही थी, उस दौरान उसे बैंक अकाउंट से 99,988 रुपये डेबिट होने का मैसेज आया.
इसके बाद महिला ने तुरंत साइबर सेल में ऑनलाइन कंप्लेंट की और बैंक से भी कॉन्टैक्ट किया. पुलिस ने Information Technology Act, 2000 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
पुलिस ऑफिसर ने बताया है कि उनके डिपार्टमेंट ने बैंक से बैंक अकाउंट की डिटेल्स मांगी है, जहां अमाउंट ट्रांसफर हुआ है.
कई कंप्लेंट रजिस्टर्ड करने के बाद पता चलता है कि साइबर फ्रॉड उस नंबर को बदल देते हैं. इसके बाद वह नंबर किसी रेस्टोरेंट, ग्रोसरी शॉप, मेडिकल स्टोर का निकलता है.
हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें बताया था कि हाल ही में ऑनलाइन स्कैम के मामलों में इजाफा हुआ है. यह संख्या कोरोना संक्रमण के दौरान लगने वाले लॉकडाउन के बाद तेजी से बढ़ा है.